अडानी ग्रुप में 43 हजार करोड़ निवेश करने वाले विदेशी फंड्स का पता, ओनरशिप व वेबसाइट तक अपडेट नहीं, एनएसडीएल की बड़ी कार्रवाई

अडानी ग्रुप में 43 हजार करोड़ निवेश करने वाले विदेशी फंड्स का पता, ओनरशिप व वेबसाइट तक अपडेट नहीं, एनएसडीएल की बड़ी कार्रवाई

प्रेषित समय :15:33:48 PM / Mon, Jun 14th, 2021

मुंबई. नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड ने तीन विदेशी फंड्स्र Albula Investment Fund, Cresta Fund और APMS Investment Fund के अकाउंट्स फ्रीज कर दिए हैं. इनके पास अडानी ग्रुप की 4 कंपनियों के 43,500 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के शेयर हैं. NSDL के इस एक्शन के बाद अरबपति कारोबारी गौतम अडानी की अगुआई वाले अडानी ग्रुप के लिए मुश्किलें बढ़ गई हैं.

जानकारी छुपा रहे तीनों फंड्स

ये तीनों विदेशी फंड्स बदले हुए नए नियमों के तहत अपनी जानकारी अपडेट नहीं कर रहे थे. साथ ही कई महत्पूर्ण जानकारी छुपा रहे थे. वहीं, दूसरी तरफ मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सेबी इस बात की भी जांच कर रही है कि क्या अडानी ग्रुप के शेयरों में प्राइस मैन्युपुलेशन किया गया है. यानी शेयरों की कीमतों में हुई बेतहाशा वृद्धि किसी जोड़-तोड़ के जरिए तो नहीं की गई.

अडानी के शेयरों की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि भी रडार पर

पिछले 1 साल में अडानी ग्रुप के शेयरों में 200-1000 फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिली है. सूत्रों के मुताबिक सभी घटनाओं के बीच कनेक्शन और पूरा मामला सेबी के रडार पर है. मामले के एक जानकार ने कहा कि सेबी ने 2020 में अडानी के शेयरों में बेतहाशा तेजी के मामले की जांच शुरू की थी, जो अब भी चल रही है. इन तीनों फंड्स की अडानी एंटरप्राइजेज में 6.82 फीसदी, अडानी ट्रांसमिशन में 8.03 फीसदी, अडानी टोटल गैस  में 5.92 फीसदी और अडानी ग्रीन में 3.58 फीसदी हिस्सेदारी है. प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत बेनिफिशियल ओनरशिप के बारे में पूरी जानकारी देनी जरूरी है. लेकिन ये फंड्स जानकारी नहीं दे रहे थे.

बिजनेस डेली रिपोर्ट के मुताबिक, ये तीनों फंड्स सेबी में विदेशी पोर्टफोलियो इनवेस्टर्स के तौर पर रजिस्टर्ड हैं. ये मॉरिशस के Port Louis शहर के एक ही पते पर रजिस्टर्ड हैं. इनकी कोई अपनी वेबसाइट भी नहीं है.

शेयरों की कीमतों में छेड़छाड़ की जांच

कैपिटल मार्केट्स रेग्युलेटर ने 2019 में एफपीआई के लिए केवाईसी डॉक्युमेंटेशन को पीएमएलए के मुताबिक कर दिया था. फंड्स को 2020 तक नए नियमों का पालन करने का समय दिया गया था. सेबी का कहना था कि नए नियमों का पालन नहीं करने वाले फंड्स का अकाउंट फ्रीज कर दिया जाएगा.

ईटी की रिपोर्ट के मुताबिक, नियमों के मुताबिक एफपीआई को कुछ अतिरिक्त जानकारी देनी थी. इनमें कॉमन ओनरशिप का खुलासा और फंड मैनेजर्स जैसे अहम कर्मचारियों की पर्सनल डिटेल शामिल थी. लेकिन ये तीनों फंड्स ये जानकारी नहीं दे रहे थे. सूत्रों का कहना है कि इन फंड्स और अडानी ग्रुप के शेयरों की कीमत में बेतहाशा वृद्धि का कनेक्शन भी रडार पर है. अगर ये फंड्स ओनरशिप की जानकारी नहीं देते हैं तो ये मामला और गंभीर हो जाएगा.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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