जयपुर. राजस्थान में सियासी उठापटक का दौर जारी है. इन दिनों यहां रोज कई समीकरण बनते और कई बिगड़ते हुए नजर आ रहे हैं. पायलट खेमे को जवाब देने के लिए प्रदेश में अब एक नया मोर्चा तैयार हो रहा है. निर्दलीय और बहुजन समाज पार्टी से कांग्रेस में आए विधायक एक साथ मिलकर नई रणनीति तैयार करने की तैयारी में हैं. आगामी 23 जून को इनकी संयुक्त बैठक प्रस्तावित की गई है जिसमें प्रदेश के सियासी हालातों को लेकर रणनीति तैयार की जाएगी. समझा जा रहा है कि यह बैठक कांग्रेस आलाकमान पर दबाव बनाने के लिए गहलोत कैंप का एक नया पैंतरा है.
बता दें कि 200 सदस्यों वाली राजस्थान विधानसभा में 13 निर्दलीय विधायक हैं जबकि छह विधायक डेढ़ वर्ष पूर्व बीएसपी का साथ छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए थे. ऐसे में अब गहलोत कैंप इन 19 विधायकों के जरिए प्रेशर पॉलिटिक्स की कवायद कर रहा है ताकि पायलट खेमा ज्यादा हावी ना हो पाए.
वहीं, सचिन पायलट दिल्ली में लगभग छह दिन रहने के बाद जयपुर वापस लौट आए हैं. माना जा रहा है कि दिल्ली प्रवास में पायलट के हाथ कुछ नहीं लगा है, और गहलोत कैंप एक बार फिर उन्हें सियासी पटखनी देने में कामयाब रहा है. लेकिन शुक्रवार को कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी अजय माकन का एक बयान सामने आया है जिसमें उन्होंने सचिन पायलट को पार्टी का एसेट और स्टार प्रचारक बताया है. साथ ही उन्होंने कहा कि प्रियंका गांधी समेत कई नेताओं की सचिन पायलट से लगातार बात हो रही है. माकन ने राज्य में मंत्रिमंडल का विस्तार जल्द होने की भी बात कही है. इसके बाद गहलोत कैंप का यह नया दांव सामने आया है.
बता दें कि बीएसपी से कांग्रेस में शामिल हुए विधायकों और ज्यादातर निर्दलीय विधायक गहलोत गुट के पक्षधर हैं. बीएसपी से आए विधायकों ने हाल ही में दो बैठक कर पायलट खेमे के विरुद्ध मोर्चा खोला था तो वहीं कई निर्दलीय विधायकों ने भी अपने बयानों या सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत में अपना भरोसा जताया है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-राजस्थान में गहलोत-सचिन सियासी विवाद से आम आदमी पार्टी को फायदा हो सकता है!
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