नई दिल्ली. मुख्य आर्थिक सलाहकार के वी सुब्रमण्यम ने कहा है कि सरकार कोरोना वायरस की दूसरी लहर से प्रभावित अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन के लिए और उपाय कर सकती है. हालांकि, इसके साथ ही सुब्रमण्यम ने कहा कि नए प्रोत्साहन पैकेज की मांग पर विचार वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा बजट 2021-22 में किए गए विभिन्न उपायों को देखते हुए किया जाएगा. कुछ उद्योग संगठनों ने सुझाव दिया है कि अप्रैल-मई में महामारी की दूसरी लहर से प्रभावित अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए सरकार को तीन लाख करोड़ रुपये का प्रोत्साहन पैकेज देना चाहिए. सुब्रमण्यम की यह प्रतिक्रिया इन्हीं सुझावों पर आई है.
रिजर्व बैंक के एक आकलन के मुताबिक, महामारी की दूसरी लहर से देश को करीब दो लाख करोड़ रुपये के उत्पादन का नुकसान हुआ है. सुब्रमण्यम ने कहा कि पिछले साल भी हम और उपायों के लिए तैयार थे. लेकिन मुझे लगता है कि जब हम प्रोत्साहन पैकेज की बात कर रहे हैं, तो पिछले साल और इस साल में काफी अंतर है. उन्होंने चीजों को स्पष्ट करते हुए कहा कि पिछला बजट महामारी से पहले पेश हुआ था. लेकिन इस बार का बजट महामारी के बीच पेश किया गया है. इसमें काफी चीजों को पहले ही शामिल कर लिया गया है.
उन्होंने कहा कि मुख्य रूप से बुनियादी ढांचा खर्च पर ध्यान दिया जा रहा है. इससे निर्माण गतिविधियां बढ़ती हैं और अंतत: असंगठित क्षेत्र में रोजगार पैदा होता है. पिछले वित्त वर्ष की जनवरी-मार्च तिमाही में ऐसा देखने को मिला. उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से उल्लेखनीय पूंजीगत खर्च से चौथी तिमाही में निर्माण क्षेत्र में 15 फीसदी की वृद्धि हुई.
सुब्रमण्यम ने कहा कि अंतिम उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि अर्थव्यवस्था की रिकवरी रफ्तार पकड़ सके. उन्होंने कहा कि इसे सुनिश्चित करने के लिए सरकार को जो करने की जरूरत होगी, वह करेगी. गरीबों के लिए खाद्य सुरक्षा पर सीईए ने कहा कि सरकार ने पहले ही 80 करोड़ आबादी के लिए मुख्य खाद्य कार्यक्रम का नवंबर तक विस्तार कर दिया है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के विस्तार की लागत 70,000 करोड़ रुपये बैठेगी. सुब्रमण्यम ने कहा कि मुफ्त टीका एक और महत्वपूर्ण आर्थिक उपाय है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-दिल्ली में सोमवार से खुलेंगे पार्क और गार्डन, 50% ग्राहक के साथ बार को भी इजाजत
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