नजरिया. राजनीति के चाणक्य शरद पवार के आवास पर मंगलवार को तमाम बीजेपी विरोधी पार्टियों के नेताओं की बुलाई गई, लेकिन खबर है कि इस बैठक में महाविकास अघाड़ी सरकार में शामिल शिवसेना का कोई प्रतिनिधि नजर नहीं आया.
हालांकि, इस मुद्दे पर संजय राउत का कहना है कि यह राष्ट्रमंच की बैठक है, कोई विरोधी दलों की बैठक नहीं है. इसलिए इस बैठक में जाने का सवाल ही नहीं पैदा होता है.
यही नहीं, उनका तो यह भी कहना है कि कांग्रेस और शिवसेना के बिना तीसरे मोर्चे का गठन संभव नहीं है.
उनका तो सवाल था कि- इस बैठक में कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, बसपा, चंद्रबाबू नायडू, चंद्रशेखर राव कहां हैं? क्या उनका कोई अलग थर्ड फ्रंट है?
राउत का साफ कहना है कि यह यशवंत सिन्हा द्वारा गठित राष्ट्रमंच की बैठक थी.
खबरें तो यह भी हैं कि संजय राउत का कहना है कि सोमवार को शरद पवार से फोन पर इस मुद्दे पर चर्चा हुई थी, जिसमें यह पता चला कि यशवंत सिन्हा की राष्ट्रमंच के कुछ मुद्दे हैं, जिनपर चर्चा होनी है. पवार देश के बड़े और अनुभवी नेता है, तमाम लोग सलाह मशवरे के लिए आते हैं.
सियासी सयानों का मानना है कि हालांकि लोकसभा चुनाव 2024 अभी दूर हैं, लेकिन यह तय है कि कोेई गैर-कांग्रेसी तीसरा मोर्चा बीजेपी को अकेले मात नहीं दे सकता है, लिहाजा संजय राउत का यह कहना सही है कि- कांग्रेस और शिवसेना के बिना तीसरे मोर्चे का गठन संभव नहीं है!
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-केरल से पंजाब तक आधा दर्जन राज्यों में अपने ही बने कांग्रेस का सिरदर्द
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