भारतीय जनता पार्टी (BJP) के 3 सांसदों ने पश्चिम बंगाल के विभाजन की आवाज बुलंद की है. तीनों सांसदों ने एक समिति बनाकर प्रस्ताव पारित किया है कि उत्तर बंगाल को अलग राज्य का दर्जा दे दिया गया. अलीपुरद्वार से बीजेपी सांसद जॉन बरला, सांसद जयंत रॉय और कूचबिहार से सांसद निशित प्रमाणिक ने उत्तर बंगाल के विधायकों के साथ मिलकर एक समितिन बनाई और राज्य का प्रस्ताव पारित किया. इस प्रस्ताव के बाद अलिपुरद्वार में बीजेपी की पूरी इकाई जिलाध्यक्ष गंगा प्रसाद शर्मा के नेतृत्व में तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गई. बीते महीने संपन्न हुए बंगाल विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने अलीपुरद्वा से सभी पांच सीटों पर जीत दर्ज की थी.
वहीं दूसरी ओर बीजेपी की राज्य इकाई ने अपने सांसदों के रुख से पल्ला झाड़ लिया है. भाजपा नेतृत्व ने अपने नेताओं को पार्टी लाइन के किसी भी तरह के उल्लंघन को लेकर चेताया. अपने सांसदों के बयान को लेकर हो रही आलोचना के बाद भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा,'हमारे कुछ नेताओं ने अपनी व्यक्तिकत क्षमता में कुछ बयान दिए हैं. इसका पार्टी लाइन या राय से कोई लेना देना नहीं है जो किसी भी रूप में बंगाल के विभाजन के खिलाफ है. एक वफादार सिपाही की तरह सभी को पार्टी लाइन का पालन करना चाहिए. पार्टी के आधिकारिक रुख का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.'
घोष के बयान के कुछ ही घंटों के अंदर सौमित्र खान ने कहा कि उन्होंने बयान अपनी व्यक्तिगत क्षमता में दिया था. उधर कांग्रेस की पश्चिम बंगाल इकाई ने मंगलवार को भाजपा पर राज्य के विभाजन की साजिश रचने का आरोप लगाया और दावा किया कि यह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की बड़ी योजना का हिस्सा है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-प. बंगाल: खत्म नहीं हुआ है बंगाल का खेला, ममता के बाद BJP भी नतीजों को देगी चुनौती
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