नई दिल्ली. राजनीति में कुछ भी हो सकता है. इसका सबसे ताज़ा उदाहरण है पश्चिम बंगाल. यहां इस साल के विधानसभा चुनाव में एक बार फिर से तृणमूल कांग्रेस की जीत के बाद बीजेपी के खेमे में खलबली मच गई है. यहां टीएमसी से धड़ाधड़ बीजेपी में शामिल होने वाले नेता और कार्यकर्ता एक बार फिर से पाला बदल रहे हैं. सब के सब दोबारा ममता बनर्जी के साथ जा रहे हैं. टीएमसी ने शुक्रवार को तो इन दलबदलू कार्यकर्ताओं के चक्कर में सारी हदें पार कर दी.बीजेपी के 300 कार्यकर्ताओं का पहले गंगाजल से शुद्धीकरण किया गया और फिर इनकी टीएमसी में घर वापसी हुई.
पश्चिम बंगाल के बीरभूम में टीएमसी ऑफिस के बाहर बीजेपी के 300 कार्यकर्ता भूख हड़ताल पर बैठे थे. इनकी मांग थी कि इन्हें दोबारा टीएमसी में शामिल किया जाए. धरने पर बैठे एक कार्यकर्ता अशोक मोंडल ने कहा, 'हम चाहते हैं है कि हमें टीएमसी में वापस लिया जाए. बीजेपी में शामिल हो कर हमने अपने गांव के विकास को रोक दिया है. बीजेपी में शामिल होने से हमें कोई फायदा नहीं हुआ. उल्टा हमें नुकसान हुआ.
कहा जा रहा है कि गंगाजल शुद्धीकरण अभियान करीब 3 घंटे तक चला. सुबह 8 बजे से लेकर 11 बजे तक बारी-बारी से कार्यकर्ताओं को बुलाकर उन पर गंगाजल छिड़का गया. अशोक मोंडल ने कहा, 'बीजेपी एक सांप्रदायिक पार्टी है. बीजेपी ने हमारे दिमाग में जहर घोल दिया है. हमारी शांति भंग हो गई है. इसलिए शांति लौटाने के लिए कार्यकर्ताओं पर पवित्र गंगाजल छिड़क रहे हैं. लिहाजा ये लोगों के शुद्धीकरण के लिए नहीं था. बल्कि उनके दिमाग को शुद्ध करने के लिए था.
उधर बीजेपी के एक स्थानीय नेता ने बताया कि ये सब ड्रामा है. हमारे पार्टी कार्यकर्ताओं को जबरदस्ती टीएमसी में शामिल किया जा रहा है. उन्होंने आरोप लगाया कि सब ये दिखाने की कोशिश हो रही है कि बंगाल में चुनाव के बाद कोई हिंसा नहीं हुई.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-प. बंगाल: बीजेपी को लग सकता है झटका, 25 विधायक और 2 सांसद कर रहे मुकुल रॉय के संपर्क में
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