नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने आज (बुधवार 23 मई) सेंट्रल रेलसाइड वेयरहाउस कंपनी लिमिटेड (सीआरडब्ल्यूसी) और सेंट्रल वेयरहाउसिंग कॉर्पोरेशन (सीडब्ल्यूसी) के विलय को मंजूरी दे दी है. सरकार ने ये कदम एक जैसे कारोबार को एक साथ लाकर लागत घटाने और कामकाज को बेहतर बनाने के लिये उठाया है.
सरकार के मुताबिक इस विलय से एक ही मैनेजमेंट के जरिये न सिर्फ दोनों कंपनियों के वेयरहाउसिंग, हैंडलिंग और परिवहन जैसे समान कार्य एक साथ संपन्न किये जा सकेंगे, बल्कि इनकी दक्षता, अधिकतम क्षमता उपयोग, पारदर्शिता, जवाबदेही को बढ़ावा देने के साथ-साथ वित्तीय बचत को भी सुनिश्चित करने के साथ-साथ नई वेयरहाउसिंग क्षमताओं के लिए रेलवे साइडिंग का लाभ उठाया जा सकेगा.
सरकार ने अनुमान लगाया है कि इस कदम के बाद रेलसाइड वेयरहाउस कॉम्प्लेक्स आरडब्ल्यूसी) के लागत में कॉर्पोरेट कार्यालय के किराए, कर्मचारियों के वेतन और अन्य प्रशासनिक लागतों में बचत के कारण 5 करोड़ रुपये की कमी आएगी. आरडब्ल्यूसी के क्षमता उपयोग में भी सुधार होगा क्योंकि सीडब्ल्यूसी के लिए सीमेंट, उर्वरक, चीनी, नमक और सोडा जैसी वर्तमान वस्तुओं के अलावा अन्य वस्तुओं के भंडारण की क्षमता में भी वृद्धि होगी. इस विलय से माल-गोदाम स्थलों के पास कम से कम 50 और रेलसाइड गोदाम स्थापित करने की सुविधा मिलेगी. इससे कुशल कामगारों के लिए 36,500 और अकुशल कामगारों के लिए 9,12,500 श्रम दिवसों के बराबर रोजगार के अवसर पैदा होने की संभावना है. इस विलय की पूरी प्रक्रिया निर्णय की तिथि से 8 महीने के भीतर पूरा होने की उम्मीद है.
सीडब्ल्यूसी 1957 में स्थापित एक मिनी रत्न श्रेणी-I सीपीएसई है, जो केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचित कृषि उपज और कुछ अन्य वस्तुओं के भंडारण के उद्देश्य व उससे जुड़े मामलों के लिए वेयरहाउसिंग कॉरपोरेशन के निगमन और विनियमन के लिए सेवाएं प्रदान करती है. सीडब्ल्यूसी एक लाभ कमाने वाला सार्वजनिक क्षेत्र का उद्यम पीएसई) है. सीडब्ल्यूसी ने 10 जुलाई 2007 को सेंट्रल रेलसाइड वेयरहाउस कंपनी लिमिटेड (सीआरडब्ल्यूसी) नामक एक अलग सहायक कंपनी का गठन किया, जो अधिग्रहित भूमि पर रेलसाइड वेयरहाउसिंग कॉम्प्लेक्स/टर्मिनलों/मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स हब की योजना, विकास, प्रचार, अधिग्रहण और संचालन करती है. सीआरडब्ल्यूसी 50 कर्मचारियों और 48 आउटसोर्स कर्मियों की क्षमता के साथ एक छोटा संगठन है. वर्तमान में, यह देश भर में 20 रेलसाइड वेयरहाउसों को संचालित कर रही है.
चूंकि सीडब्ल्यूसी, सीआरडब्ल्यूसी का एकमात्र शेयरधारक है इसलिए सभी परिसंपत्तियों और देनदारियों, अधिकारों और दायित्वों को सीडब्ल्यूसी को हस्तांतरित करने से दोनों में से किसी को भी कोई वित्तीय नुकसान नहीं होगा अपितु इस निर्णय से दोनों के बीच एक बेहतर तालमेल स्थापित होगा. आरडब्ल्यूसी के संचालन और मार्केटिंग को संभालने के लिए सीडब्ल्यूसी द्वारा आरडब्ल्यूसी प्रभाग नाम से एक अलग प्रभाग का गठन किया जाएगा.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-मोदीजी! मुफ्त की सरकारी सुविधाएं तो प्रधानसेवक भोग रहे हैं, जनता का तो हक है फ्री वैक्सीन?
7th International Yoga Day: पीएम मोदी ने कहा, कोरोना काल में उम्मीद की एक किरण बना योग
यूपी का चुनाव योगी और मोदी दोनों के लिए खास है?
अभिमनोजः किसान आंदोलन को लेकर क्या भ्रम में है मोदी सरकार?
पीएमओ को नहीं पता नरेेंद्र मोदी बांग्लादेश की आज़ादी के लिए संघर्ष में किस जेल में रखे गए थे
Leave a Reply