नजरिया. जिस तरह से केंद्र की मोदी सरकार किसान आंदोलन को नजरअंदाज करने की कोशिश कर रही है, उसे देेख कर लगता है कि या तो केंद्र सरकार को वास्तविकता का पता ही नहीं है या फिर वह जानतेे हुए भी हारी हुई बाजी पलटने का भ्रम पाले है?
कई बीजेपी समर्थक भले ही पार्टी हित में मौन हों, लेकिन असंख्य बीजेपी मतदाताओं ((2019) को स्पष्ट हो गया है कि किसान आंदोलन सही है, कृषि कानून रद्द होने चाहिए और इसका असर यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में नजर भी आएगा.
हालांकि, यदि ऐसा होता है, तो पीएम मोदी का तत्काल कोई नुकसान नहीं होगा, नुकसान तो सीएम योगी का होगा, जैसा कभी वसुंधरा राजे का राजस्थान में हुआ था या एमपी में शिवराज सिंह का हुआ था?
केंद्र सरकार एकतरफा मीडिया के सहयोग से किसान आंदोलन को बदनाम करने की कोशिश भले ही करे, लेकिन इसका कुछ खास फायदा नहीं होगा, क्योंकि आमजन भी जानता है कि किसान आंदोलन पर सवालिया निशान क्यों लगाया जा रहा है?
खबर है कि केंद्र के तीन कृषि बिलों के खिलाफ जारी प्रदर्शनों के बीच किसान नेता राकेश टिकैत ने नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि किसानों ने देश की राजधानी को पिछले सात महीनों से घेर रखा है. भारत सरकार को शर्म नहीं आती? हम कहां बैठें? हमारा कोई घर है वहां?
टिकैत का तो यह भी कहना है कि सरकार ये गलतफहमी दिमाग से निकाल दे कि किसान वापस चला जाएगा.
याद रहे, कृषि कानूनों के खिलाफ किसान 26 नवंबर 2020 से राष्ट्रीय राजधानी की विभिन्न सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.
इन प्रदर्शनों में किसानों की संख्या कम-ज्यादा होेती रहती है, जिसे एकतरफा मीडिया किसान आंदोलन खत्म होनेे से जोड़नेे लग जाता है, जबकि हकीकत यह है कि किसान आंदोलन तो गांव-गांव तक फैल गया है, लाखों किसान इसे अपना समर्थन दे चुके हैं, लिहाजा इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है कि कितनेे लोग प्रदर्शन में आए और कितने चले गए.
और.... किसान नेता राकेश टिकैत का तो साफ कहना है कि- किसान सरकार से संशोधन नहीं चाहता बल्कि काले कृषि कानूनों की वापसी चाहता है और जब तक कानूनों को वापस नहीं लिया जाता तब तक किसानों का आंदोलन जारी रहेगा!
https://twitter.com/RakeshTikaitBKU/status/1406201244079726593
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-"केन्द्र सरकार ये गलतफहमी अपने दिमाग से निकाल दे कि किसान वापस जाएगा"
— Rakesh Tikait (@RakeshTikaitBKU) June 19, 2021
किसान तभी वापस जाएगा, जब मांगें पूरी हो जाएंगी। हमारी मांग है कि तीनों कानून रद्द हों। एमएसपी पर कानून बने.।#FarmersProtest
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