नजरिया. पश्चिम बंगाल और बिहार, दोनों राज्यों में विधानसभा चुनाव में बीजेपी को सियासी झटकों का सामना करना पड़ा है, लेकिन दोनों चुनाव में मतदाताओं का नजरिया, खासकर मुस्लिम मतदाताओं का नजरिया अलग-अलग रहा, इसीलिए बिहार में बीजेपी को उतना नुकसान नहीं हुआ, जितना बंगाल में हुआ है.
बिहार में मतदाताओं ने अपनी पसंद की पार्टी को जीतानेे के लिए वोट दिया, जिसके कारण बीजेपी विरोधी वोट बिखर गया और बीजेपी को फायदा हो गया, लेकिन इस चुनाव के नतीजे देखने के बाद बंगाल में मतदाताओं ने बीजेपी को हराने के लिए वोट दिया और उस पार्टी को वोट दिया, जो उसकी पसंद की पार्टी होे या नहीं, लेकिन बीजेपी कोे हराने में सक्षम थी.
यही वजह है कि बिहार में कामयाबी हांसिल करने वाली एआईएमआईएम को बंगाल में कुछ खास पाॅलिटिकल रेसपोंस नहीं मिला.
खबर है कि अब एआईएमआईएम ने अगले साल यूपी में चुनाव लड़ने का ऐलान किया है, पार्टी 2022 विधानसभा चुनाव में 100 सीटों पर उम्मीदवार उतारेगी.
बड़ा सवाल यह है कि इससे चुनावी नतीजे कितने प्रभावित होंगे?
यदि यूपी के मतदाताओं नेे बिहार पेटर्न पर मतदान किया तो बीजेपी फायदे में रहेेगी और यदि बंगाल पेटर्न पर मतदान हुआ तो बीजेपी को तगड़ा झटका लगेेगा!
देखना दिललचस्प होगा कि मतदाता किस नजरिए सेे मतदान करते हैं?
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