चंडीगढ़. कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने पंजाब में बिजली के मुद्दे पर सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. राज्य में बिजली कटौती पर सिद्धू ने सलाह देते हुए 9 ट्वीट्स किए हैं. बता दें भीषण गर्मी के बीच पंजाब में प्रति दिन बिजली की मांग 14,000 मेगावाट से अधिक हो गई है, जिसके कारण सरकारी बिजली आपूर्तिकर्ता पंजाब स्टेट पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड को मजबूरन बिजली कटौती और उद्योगों पर पाबंदियां लगानी पड़ रही हैं.
बिजली के मुद्दे पर सिद्धू ने ट्वीट किया बिजली की लागत, कटौती, बिजली खरीद समझौते और पंजाब के लोगों को मुफ्त और 24 घंटे बिजली देने का सच क्या है. अगर हम सही दिशा में करेंगे तो राज्य में बिजली कटौती की कोई जरूरत नहीं है. सीएम को ना तो ऑफिस टाइमिंग ना बदलना होगा और ना ही आम लोगों को एसी के इस्तेमाल पर कोई नियम लाना पड़ेगा.
सिद्धू ने बिजली खरीद की लागत पर दावा किया कि पंजाब 4.54 प्रति यूनिट रुपये की औसत लागत पर बिजली खरीद रहा है. जबकि राष्ट्रीय औसत 3.85 रुपये प्रति यूनिट और चंडीगढ़ 3.44 रुपये प्रति यूनिट का पेमेंट कर रहा है. 3 निजी थर्मल प्लान्ट्स पर पंजाब की अति-निर्भरता के चलते अन्य राज्यों की तुलना में राज्य 5-8 प्रति यूनिट अधिक पेमेंट करता है.
बिजली खरीद समझौते को लेकर कांग्रेस नेता ने लिखा- बादल सरकार ने पंजाब में 3 निजी थर्मल पावर प्लान्ट्स के साथ पीपीए पर दस्तखत किए. साल 2020 तक पंजाब इन समझौतों में गलत नियमों के कारण पहले ही 5400 करोड़ का भुगतान कर चुका है और उम्मीद है कि 65,000 करोड़ फिक्स चार्ज के रूप में भुगतान किया जाएगा.
कांग्रेस नेता ने लिखा- पंजाब नेशनल ग्रिड से काफी सस्ती दरों पर बिजली खरीद सकता है, लेकिन बादल के सरकार PPAपंजाब में जनहित के खिलाफ काम कर रहे हैं. न्यायालयों से कानूनी संरक्षण होने के कारण पंजाब इस PPA पर फिर से बातचीत नहीं कर सकता लेकिन एक रास्ता है. पंजाब विधानसभा किसी भी समय नेशनल पावर एक्सचेंज पर उपलब्ध कीमतों पर बिजली खरीद लागत के संबंध में कानून ला सकती है. ऐसे में कानून में संशोधन करके ये समझौते बेकार हो जाएंगे और पंजाब के लोगों का पैसा बचेगा.
सिद्धू ने दावा किया कि पंजाब की प्रति यूनिट खपत का राजस्व भारत में सबसे कम है. इसकी वजह बिजली खरीद और सप्लाई सिस्टम का मिसमैनेजमेंट है. राज्य 9,000 करोड़ रुपये से अधिक की सब्सिडी के बाद भी सप्लाई की गई हर यूनिट पर अतिरिक्त 0.18 रुपये प्रति यूनिट PSPCL भुगतान करता है
कांग्रेस नेता ने कहा कि पर्यावरण के अनुकूल होने के साथ-साथ रिन्यूएबल एनर्जी सस्ती होती जा रही है, लेकिन सौर और बायोमास एनर्जी का पंजाब में इस्तेमाल नहीं हो पा रहा है. इन परियोजनाओं के लिए सेंट्रल फाइनेंसियल स्कीम्स का लाभ उठाया जा सकता है. PEDA अपना समय सिर्फ जागरूकता पर खर्च करता है. उन्होंने कहा कि निजी थर्मल प्लान्ट्स को अनुचित और अत्यधिक लाभ के बजाए इस धन का उपयोग लोगों के कल्याण के लिए किया जाना चाहिए. जिसमें घरेलू उपयोग के लिए 300 यूनिट तक बिजली सब्सिडी देना, 24 घंटे की सप्लाई, शिक्षा और स्वास्थ्य देखभाल में निवेश करना शामिल है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-सीएम केजरीवाल का बड़ा ऐलान: अगर पंजाब में AAP की सरकार बनी तो मुफ्त देंगे 300 यूनिट बिजली
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