भारत बायोटेक की कोरोना वैक्‍सीन की डील में फंसे ब्राजील के राष्‍ट्रपति: सुप्रीम कोर्ट ने दी जांच की मंजूरी

भारत बायोटेक की कोरोना वैक्‍सीन की डील में फंसे ब्राजील के राष्‍ट्रपति: सुप्रीम कोर्ट ने दी जांच की मंजूरी

प्रेषित समय :14:54:52 PM / Sun, Jul 4th, 2021

रियो डि जेनेरो. भारतीय कंपनी भारत बायोटेक की कोरोना वैक्‍सीन कोवैक्सिन की डील संबंधी मामले फंसे ब्राजील के राष्ट्रपति जेयर बोलसोनारो के खिलाफ अब जांच हो सकेगी. ब्राजील की शीर्ष अदालत के जस्टिस रोसा वीबर ने शुक्रवार को इसकी मंजूरी दे दी है. सुप्रीम कोर्ट ने टॉप प्रॉसिक्यूटर ऑफिस को इस जांच की अनुमति दी है.

कोरोना वायरस टीकों की खरीद से जुड़े समझौते में संभावित भ्रष्टाचार की खबरों पर ब्राजील के राष्ट्रपति जेयर बोलसोनारो के आंखे मूंद लेने के आरोपों ने उनके शासन पर खतरा बढ़ा दिया है. इन खबरों में उन पर आपराधिक आरोप लगाए जाने की अनुशंसा भी शामिल है. इन आरोपों ने विपक्ष के महाभियोग अभियान को गति दे दी है और कांग्रेस में ब्राजीली नेता के सहयोगियों को उनके समर्थन की क्या कीमत चुकानी पड़ सकती है, यह सोचने पर मजबूर कर दिया है.

बोलसोनारो हाल के कुछ हफ्तों में राष्ट्रव्यापी प्रदर्शनों के निशाने पर रहे हैं. उन्होंने सीनेट की समिति द्वारा सरकार की कोविड-19 प्रतिक्रिया की जांच करने को राष्ट्रीय शर्मिंदगी बताया है जिसका मकसद उनके प्रशासन को कमतर बताना है. दो महीनों से राष्ट्रीय स्तर पर प्रसारित सुनवाई मुख्य तौर पर इस बात पर केंद्रित थीं कि उनके स्वास्थ्य मंत्रालय ने टीकों को खरीदने के अवसरों को नजरअंदाज क्यों किया जबकि बोलसोनारो ने मलेरिया की दवा, हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन की लगातार हिमायत की है जिसे कई अध्ययनों में कोविड-19 के इलाज में बेअसर बताया गया है.

स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी ने कहा कि उन्हें भारतीय फार्मास्यूटिकल ‘भारत बायोटेक’ के कोवैक्सीन टीके के आयात को मंजूरी देने के लिए दबाव का सामना करना पड़ा और इनवॉयस (बिलों) में- खासकर सिंगापुर स्थित कंपनी को किए गए 4.5 करोड़ डॉलर के अग्रिम भुगतान में अनियमिततााएं थीं.

मार्च में, दोनों भाइयों ने अपनी चिंताएं बोलसोनारो के साथ साझा कीं और उनके मुाबिक राष्ट्रपति ने मामले को संघीय पुलिस को भेजने का वादा किया था और उन्होंने बोलसोनारो के शीर्ष सहयोगी, कांग्रेस के निचले सदन में सरकार के एक नेता की संलिप्तता का जिक्र किया था.

जांच की जानकारी रखने वाले संघीय पुलिस के एक अधिकारी ने नाम उजागर न करने की शर्त पर बताया कि संघीय पुलिस को न तो बोलसोनारो से न ही उनके स्वास्थ्य मंत्रालय से जांच का कोई अनुरोध प्राप्त हुआ. राष्ट्रपति कार्यालय के महासचिव ओनिक्स लोरेनजिनी ने पिछले हफ्ते बताया था कि बोलसोनारो मिरांडा भाइयों से मिले थे लेकिन दावा किया कि उन्होंने फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत किए थे. उन्होंने कहा था कि बोलसोनारो ने दोनों भाइयों की जांच करने के आदेश दिए थे.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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