लखनऊ. जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव के नतीजों पर एआईएमआईएम के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने बिना नाम लिए समाजवादी पार्टी पर हमला बोला है. ओवैसी ने एक के बाद एक तीन ट्वीट कर कहा कि एक पार्टी खुद को प्रमुख विपक्षी दल बताती है. ज़िला पंचायत के चुनाव में 800 सदस्यों ने जीत दर्ज की थी, लेकिन अध्यक्ष चुनाव में केवल 5 सीटों पर जीत मिली, ऐसा क्यों? क्या बाकी सदस्य BJP की गोद में बैठ गए?
असदुद्दीन ओवैसी ने अपने ट्वीट में लिखा, 'उत्तर प्रदेश के 19 प्रतिशत आबादी वाले मुसलामानों का एक भी जिला अध्यक्ष नहीं है. मंसूबा बंद तरीक़े से हमें सियासी और समाजी तौर पर दूसरे दर्जे का शहरी बना दिया गया है. मैनपुरी, कन्नौज, बदायूँ, फ़र्रूख़ाबाद, कासगंज, औरैया जैसे ज़िलों में इस पार्टी के सबसे ज़्यादा प्रत्याशी जीत कर आए थे, लेकिन अध्यक्ष के चुनाव फिर भी हार गए. इन सारे ज़िलों में तो कई सालों से ‘परिवार विशेष’ का दबदबा भी रहा है. अब तो हमें एक नई सियासी तदबीर अपनाना ही होगा. जब तक हमारी आज़ाद सियासी आवाज़ नहीं होगी तब तक हमारे मसाइल हल नहीं होने वाले हैं. भाजपा से डरना नहीं है, बल्कि जम्हूरी तरीके से लड़ना है.'
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-लखनऊ: बड़े इमामबाड़े में 200 तो छोटे में 40 पर्यटकों को ही एक साथ मिलेगी इंट्री
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