9 जुलाई के बाद ब्रिटेन में मास्क पहनना या ना पहनना, आपकी मर्जी!

9 जुलाई के बाद ब्रिटेन में मास्क पहनना या ना पहनना, आपकी मर्जी!

प्रेषित समय :11:31:43 AM / Mon, Jul 5th, 2021

लंदन. ब्रिटेन में 19 जुलाई से लॉकडाउन पाबंदियां हटाए जाने के बाद मास्क लगाना ‘व्यक्तिगत इच्छा’ पर निर्भर करेगा. आवासीय मंत्री रॉबर्ड जेनरिक ने रविवार को यह जानकारी दी. ब्रिटेन  की मीडिया में रविवार को आईं खबरों के बीच मंत्री की यह टिप्पणी आई है. खबरों में संकेत दिया गया था कि प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन अगले सप्ताह मास्क लगाने की अनिवार्यता खत्म करने और अन्य कदमों की घोषणा करने वाले हैं.

जेनरिक ने बीबीसी से कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि हमारे पास टीकाकरण कार्यक्रम की सफलता के चलते पाबंदियां हटाने और सामान्य स्थिति में लौटने की गुंजाइश है. अब हमें एक अलग दौर की ओर बढ़ना होगा. हमें वायरस के साथ रहना, सावधानी बरतना और जिम्मेदारी के साथ रहना सीखना होगा. मास्क लगाने की जरूरत के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि मैं फिलहाल कोई वादा नहीं कर सकता क्योंकि प्रधानमंत्री आने वाले दिनों में घोषणा करेंगे.

उन्होंने कहा कि यदि आंकड़े ठीक रहे तो ऐसा किया जा सकता है. ब्रिटेन में शनिवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 24,885 नए मामले सामने आए और 18 रोगियों की मौत हुई. राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा के आंकड़ों के अनुसार ब्रिटेन में 3 करोड़ 30 लाख से अधिक लोगों को कोविड-19 टीके की दूसरी खुराक दी जा चुकी है और 85 प्रतिशत से अधिक व्यस्क पहली खुराक ले चुके हैं.

ब्रिटेन में अब तक के आंकड़ों के मुताबिक संक्रमण की दर भले ही तेज हो लेकिन अस्पताल में भर्ती होने और मरने वालों की संख्या बहुत कम है. ऐसे में संभव है कि वैक्सीनेशन की वजह से कोरोना के घातक डेल्टा वेरिएंट का भी खतरनाक असर ब्रिटेन में नहीं दिखा रहा है. ब्रिटिश स्वास्थ्य अधिकारियों का मानना है कि वैक्सीन निश्चित रूप से अपना काम कर रही है.

ब्रिटेन में आई तीसरी लहर

ब्रिटिश वैक्सीनेशन प्रोग्राम से जुड़े हुए एक प्रमुख विशेषज्ञ ने दावा किया कि डेल्टा वेरिएंट की वजह से ब्रिटेन में वायरस की तीसरी लहर आई है. ब्रिटेन में पिछले 24 घंटे में कोरोना के 24 हजार से ज्यादा नए मामले सामने आए हैं. सरकार के मुताबिक, देश में 80 फीसदी लोगों को वैक्सीन की कम से कम एक डोज दी जा चुकी है. पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड के ताजा डाटा के अनुसार, वैक्सीन की एक डोज किसी व्यक्ति के कोरोनावायरस से संक्रमित होने और अस्पताल में भर्ती होने की संभावना को 75 फीसदी तक कम कर देती है. भले ही वे डेल्टा वेरिएंट से ही क्यों न संक्रमित हुए हैं.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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