मुंबई. रिजर्व बैंक के संशोधित जोखिम प्रबंधन दिशानिर्देशों के तहत बैंकों को अपने यहां ट्रेजरी और करेंसी चेस्ट समेत संवेदनशील पदों पर काम करने वाले अधिकारियों को हर साल कम-से-कम 10 कार्य दिवसों या उससे अधिक समय के लिए अप्रत्याशित अवकाश पर भेजना होगा.
यह छुट्टी उन्हें बिना पूर्व सूचना के अचानक दी जाएगी.
आरबीआई ने ग्रामीण विकास बैंक और सहकारी बैंक समेत बैंकों को भेजी सूचना में विवेकपूर्ण जोखिम प्रबंधन उपाय के तहत अप्रत्याशित अवकाश देने की नीति तैयार करने को कहा है. ऐसे अवकाश के दौरान, संबंधित बैंक कर्मचारी को आंतरिक/कॉरपोरेट ईमेल को छोड़कर भौतिक रूप से या फिर ऑनलाइन-किसी भी तरह से कार्य संबंधी कोई जिम्मेदारी नहीं होगी. बैंक कर्मचारियों के पास सामान्य प्रयोजन से आंतरिक/कॉरपोरेट ईमेल की सुविधा उपलब्ध होती है.
आरबीआई ने कहा, एक विवेकपूर्ण परिचालन जोखिम प्रबंधन उपाय के रूप में, बैंक एक अप्रत्याशित अवकाश नीति लागू करेंगे, जिसमें संवेदनशील पदों या संचालन के क्षेत्रों में तैनात कर्मचारियों को हर साल अनिवार्य रूप से कुछ दिनों (10 कार्य दिवसों से कम नहीं) के लिए छुट्टी पर भेजा जाएगा. यह छुट्टी इन कर्मचारियों को पूर्व सूचना दिए बिना दी जाएगी. यानी इसमें आश्चर्य का पुट होगा.
इससे पहले, आरबीआई ने अप्रैल 2015 में इस मुद्दे पर अपने पहले के दिशानिर्देश में ऐसे अवकाश के लिए दिनों की संख्या स्पष्ट नहीं की थी. हालांकि उसने कहा कि यह कुछ दिन (10 कार्य दिवस) हो सकता है. केंद्रीय बैंक ने संवेदनशील पदों या संचालन क्षेत्रों से जुड़े कर्मचारियों के लिए अनिवार्य अप्रत्याशित अवकाश नीति को अद्यतन किया है और 23 अप्रैल 2015 के परिपत्र को निरस्त कर दिया है. बैंकों से उनके निदेशक मंडल बोर्ड की अनुमोदित नीति के अनुसार संवेदनशील पदों की सूची तैयार करने और समय-समय पर सूची की समीक्षा करने के लिए कहा गया है. आरबीआई ने बैंकों से छह महीने के भीतर संशोधित निर्देशों का पालन करने को कहा है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-एमएसएमई को बड़ी राहत: आरबीआई ने 50 करोड़ रुपये तक बढ़ा दी लोन रिस्ट्रक्चरिंग लिमिट
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