नई दिल्ली. नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने बताया कि डब्ल्यूएचओ ने तीसरी लहर का जिक्र करते हुए दरअसल दुनियाभर में मौजूद हकीकत पर जोर दिया है. दुनिया के कई हिस्सों में हालात अच्छे से बदतर होते जा रहे हैं. दुनिया तीसरी लहर की तरफ बढ़ रही है. प्रधानमंत्री ने भी कहा है कि यह हमारे लिए चेतावनी है. सजगता-सतर्कता जरूरी है. स्पेन में हर हफ्ते सामने आने वाले मामलों में 64 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. यूरोप के नीदरलैंड में एक हफ्ते में कोरोना के मामले 300 फीसदी तक बढ़े हैं. प्रधानमंत्री ने हमें यही टारगेट दिया है कि देश में तीसरी लहर नहीं आनी चाहिए.
स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि डब्ल्यूएचओ ने तीसरी लहर का अंदेशा जताया है, लेकिन तीसरी लहर से ज्यादा हमें यह समझना होगा कि वह कितनी असरदार होगी. समय के साथ अगर लोगों में एंटीबॉडी कम होती हैं और वायरस में म्यूटेशन होता है तो ज्यादा मामले सामने आएंगे. तीसरी और चौथी लहर भी आ सकती है. अभी भी देश में दूसरी लहर पूरी तरह खत्म नहीं हुई है. मामले कम हुए हैं, लेकिन ये सीमित क्षेत्रों में अब भी मौजूद है. 4 मई के हफ्ते में ऐसे 531 जिले थे, जहां रोज 100 से ज्यादा नए मामले सामने आ रहे थे. अब ऐसे सिर्फ 73 जिले रह गए हैं. हालांकि, एनालिसिस बताता है कि जैसे-जैसे गतिविधियां बढ़ रही हैं, मास्क का इस्तेमाल कम होता जा रहा है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-नीति आयोग ने जारी किया एसडीजी इंडिया इंडेक्स, केरल टॉप पर, फिसड्डी साबित हुआ बिहार
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