नजरिया. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को कांग्रेस में निडर लोग चाहिए, लेकिन इसके लिए निडर निर्णय भी करने होंगे?
एमपी के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने ट्वीट किया- हमें कांग्रेस पार्टी में निडर लोग चाहिए. जो डर...
राहुल जी यदि आपने कांग्रेस में यह लागू कर दिया तो कांग्रेस जिंदा हो जाएगी.
बकौल कमलनाथ जी कांग्रेस को....
“रेस के घोड़े चाहिए, शादी के घोड़े नहीं”
खबर है कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कांग्रेस के सोशल मीडिया सेल के वॉलंटियर्स के साथ मीटिंग में एक बेहद बेबाक बयान दिया, जिसमें उन्होंने कहा कि- कांग्रेस को निडर लोगों की जरूरत है, डरपोकों की नहीं, जो डरपोक हैं वे आरएसएस के आदमी हैं, वे कांग्रेस छोड़कर चले जाएं, ऐसे लोगों की जरूरत नहीं है.
यकीनन, राहुल गांधी ने जो बयान दिया है उसका मकसद कांग्रेस छोड़कर जानेवाले ज्योतिरादित्य सिंधिया, जितिन प्रसाद जैसे नेताओं पर सियासी निशाना साधना है, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि- बयान के हिसाब से तो राहुल की बात में दम है, पर प्रायोगिक तौर पर कांग्रेस इसके लिए कितनी तैयार है?
क्या राहुल गांधी ऐसे सख्त कदम उठा सकते हैं, जैसे पीएम नरेंद्र मोदी ने उठाए हैं? मोदी ने अपनी टीम से उन सबको राजनीतिक तौर पर बाहर का रास्ता दिखा दिया, जो उनके हिसाब से ठीक नहीं थे?
क्या राहुल गांधी कांग्रेस के असंतुष्ट नेताओं के साथ सख्ती से पेश आ सकते हैं? क्या वे पंजाब, राजस्थान, महाराष्ट्र जैसे राज्यों में सियासी विवाद पैदा करने वाले कांग्रेसियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर सकते हैं?
यदि हां, तो उम्मीद की जा सकती है कि कांग्रेस को फायदा होगा और यदि नहीं, तो बयान कोरा बयान ही रहेगा, कांग्रेस की सियासी गाड़ी ऐसी ही चलती रहेगी!
https://twitter.com/digvijaya_28/status/1416054132675252225
Loading...Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-
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