भारत बांग्लादेश को कॉटन का निर्यात करता है. हाल ही में 468 टन सूती धागे लेकर एक पार्सल ट्रेन बांग्लादेश के बेनापोल पहुंची. अंबाला छावनी स्टेशन से 20 पार्सल वैन के साथ ट्रेन ने 1700 किलोमीटर की दूरी तय की. खास बात यह है कि भारत से पहली बार सूती धागे को रेल मार्ग से बांग्लादेश भेजा गया है. पहले सूती धागे को कम मात्रा में सड़क मार्ग से भेजा जाता था, जिससे परिवहन पर भारी खर्च आता था. मगर अब भारत ने परिवहन के लिए नए विकल्प की तलाश कर ली है.
अब तक, पंजाब और हरियाणा के आसपास के व्यवसायी सड़क मार्ग से कम मात्रा में वस्तुओं को बांग्लादेश ले जा रहे थे, जो उनके लिए बहुत महंगा पड़ रहा था. दरअसल, लॉकडाउन के दौरान सड़क मार्ग से माल की आवाजाही पर रोक लग गई थी. इसकी वजह से भारी मात्रा में माल जमा हो गए थे. ट्रेन से माल को बांग्लादेश भेजने के लिए व्यारियों के सामने सबसे बड़ी चुनौती थोक में मात्रा में माल जुटाने की है.
इस विस्तार के साथ, रेलवे डिवीजन ने सिंगापुर स्थित शिपिंग समूह एमजीएच ग्रुप की सहायक कंपनी एमजीएक्स डॉट कॉम के सहयोग से 468 टन माल ढुलाई के लिए 25.69 लाख रुपये कमाए हैं. 20 पार्सल वैन वाली इस ट्रेन को विवेक शर्मा, वरिष्ठ मंडल वाणिज्यिक प्रबंधक, एमजीएच इंडिया के निदेशक और सीईओ हिमांशु पंत और अन्य रेलवे अधिकारियों ने हरी झंडी दिखाई थी.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-बांग्लादेश: नूडल्स फैक्ट्री में लगी आग, 52 लोगों की मौत, 50 से अधिक घायल
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