शत्रु बाधा.तंत्र बाधा.इतर योनी से कष्ट.उग्र साधना में रक्षा हेतु.काल भैरव मंत्र
ॐ भ्रं काल भैरवाय फट
विधि :
रात्रि कालीन साधना है.अमावस्या, नवरात्रि,काल भैरव अष्टमी, जन्माष्टमी या किसी भी अष्टमी से प्रारंभ करें.रात्रि 9 से 4 के बीच करें.काला आसन और वस्त्र रहेगा.रुद्राक्ष या काली हकिक माला से जाप करें.1000 ,5000 ,11000. 21000 जितना आप कर सकते हैं उतना जाप करें.जाप के बाद 10 वा हिस्सा यानि 11000 जाप करेंगे तो 1100 बार मंत्र में स्वाहा लगाकर हवन कर लें.
हवन सामान्य हवन सामग्री से भी कर सकते हैं.काली मिर्च या तिल का प्रयोग भी कर सकते हैं.अंत में एक कुत्ते को भरपेट भोजन करा दें. काला कुत्ता हो तो बेहतर.एक नारियल [पानीवाला] आखिरी दिन अपने सर से तीन बार घुमा लें, अपनी इच्छा उसके सामने बोल दें. किसी सुनसान जगह पर बने शिव या काली मंदिर में छोड़कर बिना पीछे मुड़े वापस आ जाएँ. घर में आकर स्नान कर लें. दो अगरबत्ती जलाकर शिव और शक्ति से कृपा की प्रार्थना करें. किसी भी प्रकार की गलती हो गयी हो तो उसके लिए क्षमा मांगे.दोनों अगरबत्ती घर के द्वार पर लगा दें
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