मुंबई : उर्दू के विवादित रचनाकार सआदत हसन मंटो की कहानियाँ इस बार ‘मंटो रीमिक्स’ नाम से स्क्रीन पर आने को तैयार हैं. उन्हें पर्दे पर उतारा है फिल्मकार श्रीवास नायडु ने. ‘मंटो रीमिक्स’ में खास तौर पर मंटो की उन कहानियों को लिया गया है, जिनमें उन्होंने स्त्री-पुरुष संबंधों पर खुलकर लिखा है. यह एंथोलॉजी फिल्म है. एंथोलॉजी फिल्म बॉलीवुड का नया चलन है, जिसमें एक फिल्म में चार या पांच कहानियां होती हैं. कभी ये आपस में जुड़ी होती हैं तो कई बार एक-दूसरे से स्वतंत्र होती हैं. मंटो ने भले ही 1930 से 1950 के दौर में कहानियां लिखी परंतु ‘मंटो रीमिक्स’ में उनकी चार कहानियों को 2021 में दिखाया गया है. फिल्म का निर्माण अमेरिकी कंपनी न्यूफ्लिक्स के लिए मुंबई स्थित प्रणति नायडु फिल्म्स ने किया है. फिल्म को न्यूफ्लिक्स ओटीटी पर रिलीज किया जाएगा. फिल्म की शूटिंग मुंबई से लगे वज्रेश्वरी में हुई है. स्त्री-पुरुष संबंध मंटो का पसंदीदा विषय रहा है और उन्होंने इस पर खूब लिखा है. परंतु इसके लिए उन्हें विरोध भी सहना पड़ा क्योंकि उनकी इन कहानियों पर अश्लील और नग्न होने के आरोप लगे. कुछ कहानियों पर अदालत में मुकदमे भी हुए. इस पर मंटो का यह कथन प्रसिद्ध है कि ‘अगर आपको मेरी कहानियां अश्लील या गंदी लगती हैं तो जिस समाज में आप रह रहे हैं, वह अश्लील और गंदा है. मेरी कहानियां तो केवल सच बयान करती हैं.’ निर्देशक श्रीवास नायडु कहते हैं, ‘मंटो रीमिक्स में भी सभ्य समाज के स्त्री-पुरुष संबंधों की पड़ताल की गई है. बंद दरवाजों के अंदर की जिंदगियों का पोस्टमार्टम है. यहां ऐसा नंगा सच सामने आता है, जो कई बार विचलित कर देता है.’ उन्होंने बताया कि एंथोलॉजी में शामिल चार कहानियों में समाज और मर्द-औरत के रिश्ते की परख के साथ मनोविज्ञान, व्यंग्य और कटाक्ष भी हैं. यहां स्त्री-पुरुष का प्रेम, तकरार, स्वार्थ, खींच-तान, हास्य और रिश्तों की बुनियादी बातें हैं. ‘मंटो रीमिक्स’ को निर्माता (यश ठाकुर, श्रीवास नायडु, रवि बुले) फिलहाल देश-विदेश के अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोहों में भेज रहे हैं. फिल्म में बॉबी वत्स, कंचन अवस्थी, मृणालिनी, अनाया सोनी, आदिता जैन, शिव शर्मा, हंसा सिंह, हरप्रीत कौर, मनोहर तेली, चंद्रशेखर यादव, काजल चौहान और कायरा राठौर की अहम भूमिकाएं हैं. फिल्म में तीन गीत हैं, जिन्हें अजय के. गर्ग और डॉ. मोअज्जम अज्म ने लिखा है. जबकि संगीत दिया है मनोज नयन और प्रदीप कोटनाला ने. फिल्म के सिनेमैटोग्राफर जय सिंह हैं. मंटो की पटकथा और संवाद रवि बुले ने लिखे हैं. वह कहते हैं कि मंटो की कहानियों को हमने ‘रीमिक्स’ इसलिए कहा क्योंकि इन्हें पीरियड में देखने के बजाय हमारे वर्तमान में देखा और रूपांतरित किया गया है. रवि बुले के अनुसार, ‘वक्त गुजरने के साथ मंटो की कहानियां अधिक से अधिक प्रासंगिक मालूम पड़ रही हैं. लग रहा है कि वह हमारे ही समय की बात कर रहे हैं. फर्क सिर्फ इतना है कि इन कहानियों का काल पुराना है. अन्यथा वे अभी की हैं. ऐसे में यह सवाल उठता है कि मंटो आज होते तो कैसा लेखन करते. मंटो रीमिक्स की चार कहानियों में इसी सवाल से उलझने की रचनात्मक गुस्ताखी है.’
http://Trailer : https://youtu.be/iX9xgyAFHzU
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-शिल्पा शेट्टी के पति राज कुंद्रा को क्राइम ब्रांच ने किया गिरफ्तार, अश्लील फिल्में बनाने का आरोप
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