लंदन. भारत से भगोड़ा करार दिए गए व्यापारी विजय माल्या को सोमवार को लंदन उच्च न्यायालय से जबरदस्त झटका मिला है. लंदन उच्च न्यायालय ने विजय माल्या को दिवालिया घोषित कर दिया. इसके साथ ही भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के नेतृत्व में भारतीय बैंकों के कंसोर्टियम ने माल्या की कंपनी किंगफिशर एयरलाइंस को दिए कर्ज की वसूली से संबंधित मामले को जीत लिया. लंदन हाई कोर्ट के इस फैसले ने अब विजय माल्या की संपत्ति जब्त करने के लिए रास्ते को खोल दिया है. हालांकि, माल्या की ओर से हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ अपील करने की बात भी सामने आ रही है.
मई 2021 में एक वर्चुअल सुनवाई के दौरान लंदन HC ने भारत में संकटग्रस्त व्यवसायी की संपत्ति पर उनकी सुरक्षा को माफ करने के पक्ष में बैंकों की दिवालियापन याचिका में संशोधन करने के लिए एक आवेदन को बरकरार रखा था. बैंकों ने 65 वर्षीय व्यवसायी पर मामलों को लटकाने की कोशिश करने का आरोप लगाया था और दिवालियापन की याचिका को अंत तक लाने का आह्वान किया था. मालूम हो कि विजय माल्या ब्रिटेन में जमानत पर है, जबकि एक गोपनीय कानूनी मामले को प्रत्यर्पण कार्यवाही के संबंध में सुलझाया जाता है.
1 अरब पाउंड से अधिक है
एसबीआई के नेतृत्व वाले कंसोर्टियम में बैंक ऑफ बड़ौदा, कॉर्पोरेशन बैंक, फेडरल बैंक लिमिटेड, आईडीबीआई बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक, जम्मू और कश्मीर बैंक, पंजाब एंड सिंध बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर, यूको बैंक, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया और जेएम फाइनेंशियल एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी प्राइवेट लिमिटेड के साथ-साथ एक अतिरिक्त लेनदार शामिल है. यूके में एक निर्णय ऋण के संबंध में एक दिवालियापन आदेश का पालन कर रहे हैं, जो 1 अरब पाउंड से अधिक है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-भगोड़े विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चौकसी को बड़ा झटका, 9317.17 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त
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