नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के बीच हुई बातचीत में आज मंगलवार 4 मई को कई महत्वपूर्ण फैसले हुए. इस बैठक में पीएम मोदी ने नीरव मोदी, विजय माल्या समेत भारत के आर्थिक भगोड़ों को जल्द लौटाए जाने का मुद्दा उठाया. दोनों देशों ने रिश्तों के लिए अगले एक दशक का खाका यानी रोडमैप-2030 जारी किया. इसमें दोनों देशों ने इंडो-पैसिफिक समेत कई क्षेत्र में अपनी भागीदारी बढ़ाने का संकल्प जताया.
वर्चुअल समिट में हुए ये अहम फैसले
दोनों देशों ने अपनी भागीदारी को व्यापक रणनीतिक साझेदारी के स्तर पर ले जाने का विश्वास जताया. इस बैठक के दौरान लिया गया महत्वपूर्ण फैसला नई भारत-यूके ट्रेड भागीदारी है. इसके तहत दुनिया की पांचवें और छठे पायदान की दोनों अर्थव्यवस्थाएं आपस में कारोबार को बढ़ाएंगी.
ब्रिटेन ने अपने फिशरीज सेक्टर को भारत के लिए अधिक खोलने, भारतीय नर्सेज समेत पेशेवरों सेवाओं को अधिक अवसर देने का ऐलान किया. वहीं भारत ने ब्रिटेन के लिए फलों, चिकित्सा उपकरणों और वकालत के लिए एक दूसरे को यहां अवसरों को बढ़ाने का भरोसा दिया.
बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने नीरव मोदी, विजय माल्या समेत भारत के आर्थिक भगोड़ों को जल्द लौटाए जाने का मुद्दा उठाया. वहीं प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के कहा कि ब्रिटिश क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम के कारण कुछ अड़चनें आ रही हैं. लेकिन ब्रिटेन सरकार चाहती है कि भारत के खिलाफ अपराध करने वाले भारतीय कानून व्यवस्था के सामने मौजूद हों.
इस मौके पर भारत और ब्रिटेन के बीच माइग्रेशन और मोबिलिटी समझौते पर भी दस्तखत किए गए. इसके तहत ब्रिटेन जहां भारत के 3000 युवा पेशेवरों को रोजगार अवसर मुहैया कराएगा. उन्हें दो साल तक लेबर मार्केट टेस्ट के बिना काम करने का मौका होगा. वहीं भारत ने भरोसा दिया है कि यदि अवैध तरीके से ब्रिटेन में भारतीय नागरिक पहुंचे हैं, तो उन्हें वापस लिया जा सकता है. इसके जरिए जहां वैध तरीके से आव्रजन को बढ़ाने की कोशिश होगी वहीं, अवैध प्रवासियों की संख्या कम करने का प्रयास होगा.
दवा क्षेत्र में हुआ सहयोग समझौता
भारत और ब्रिटेन के बीच दवा क्षेत्र में भी सहयोग समझौता हुआ है. इसके तहत दवाइयों के गुणवत्ता मानकों को सुधारने में दोनों मुल्क सहयोग करेंगे. भारत और ब्रिटेन के प्रधानमंत्रियों के बीच वैक्सीन सहयोग पर भी बात हुई. प्रधानमंत्री जॉनसन ने कहा कि सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा यूके में स्थापित हो रही वैक्सीन निर्माण क्षमता का लाभ भारत को भी मिल सकेगा. भारत और ब्रिटेन ने ग्लोबल इनोवेशन पार्टनरशिप पर भी दस्तखत किए हैं. इसके तहत भारत समेत विकासशील देशों के इनोवेशंस को व्यापक अंतरराष्ट्रीय बाजार तक ले जाने में मदद दी जाएगी. इसके लिए भारत और ब्रिटेन दोनों ही अंशदान करेंगे.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-दिल्ली में बढ़ी ऑक्सीजन की किल्लत, केजरीवाल सरकार ने लगाई सेना से मदद की गुहार
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