इंफाल का इमा मार्केट जिसे मदर्स मार्केट भी कहते हैं, एशिया में महिलाओं द्वारा चलाया जाने वाला सबसे बड़ा बाजार है. यहां 5000-6000 से ज्यादा महिला दुकानदार तरह-तरह की चीजें बाजार के जरिए बेचती हैं. ये बहुत पुराना बाजार है. जिसका अपना महत्व है. इसका संचालन से लेकर सारा काम महिलाओं के जिम्मे ही है. महिलाओं का चुना गया यूनियन ही तय समय तक इसके प्रशासन संबंधी कामों को संभालता है. एक बार ये बाजार नार्थईस्ट इलाके में आए भूकंप में क्षतिग्रस्त हो चुका है लेकिन मरम्मत के बाद अब यहां फिर बहुत चहल-पहल रहती है. अगर कारोबार की बात करें तो यहां रोज लाखों का कारोबार होता है.
मदर्स मार्केट को खैरबंद बाजार या नुपी कैथल भी कहते हैं. मणिपुरी में इसे इमाकैथिल मार्केट कहते हैं. कई महिलाएं तो यहां पीढ़ियों से दुकानदार कर रही हैं. यहां हर तरह के आइटम बिकते हैं, जिसमें हैंडीक्राफ्ट सामान, खिलौने कपड़े, सौंदर्य प्रसाधन, खाने का सामान, मसाले, सब्जियां, मीट और वो सारे सामान बिकते हैं, जो घरों में इस्तेमाल होते हैं. इस बाजार में पुरुषों की किसी तरह की कोई भूमिका नहीं होती.
ये बाजार शेड्स में लगा करता था लेकिन फिर इंफाल म्युनिसपल कौंसिल ने यहां चार मंजिला का विशाल भवन बना दिया है, जिसमें सारा बाजार लगता है. हालांकि ये बाजार कई सौ साल पुराना है. इसका पहला जिक्र मणिपुर के गजेटियर में 1786 में महिला बाजार के रूप में हुआ था. तब भी इसके बारे में ये कहा गया था कि ये पूरा बाजार सुबह खुले में महिलाओं द्वारा लगाया जाता है.
ये मार्केट पूरी तरह इसलिए महिलाओं का रहा होगा क्योंकि मणिपुर के मैती जनजाति के पुरुष बड़े पैमाने पर चीनियों और बर्मियों से जंग में लगे रहते थे. इसलिए महिलाओं के ऊपर ही परिवार की देखरेख की जिम्मेदारी आ गई. यहां पर केवल आर्थिक लेन देन ही नहीं होता बल्कि यहां कई बार महिलाएं राजनीतिक स्टैंड लेती हैं.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-कंगाल हो गई एशियाई देश लेबनान की सेना, पैसों के लिए हेलीकॉप्टर में लोगों को घुमा रही
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