नई दिल्ली. भारत में चीनी दूतावास ने मंगलवार 27 जुलाई को एक ऑनलाइन सेमिनार आयोजित किया गया जिसमें भारतीय वाम दलों के प्रतिनिधियों ने शिरकत की. यह सेमिनार कम्युनिस्ट पार्टी के शताब्दी समारोह की कड़ी में आयोजित किया गया था जिसका विषय रखा गया- शेयरिगं एक्सपीरियंस ऑन पार्टी बिल्डिंग, प्रमोटिंग एक्सचेंज एंड कोऑपरेशन.
बैठक के बहाने चीन ने एक बार फिर न केवल सीमा तनाव का मुद्दा उठाया बल्कि पर बीते साल पूर्वी लद्दाख में हुई गलवान जैसे घटनाओं में खुद को सही दिखाने का प्रयास किया. इस कार्यक्रम को दिए संबोधन के दौरान चीनी राजदूत ने जहां चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की उत्थान गाथा का वर्णन किया वहीं राष्ट्रपति शी जिनपिंग की अगुवाई में संगठन निर्माण और चीन के विकास का भी उल्लेख किया.
इस आयोजन में सीपीआई (एम) नेता सीताराम येचुरी, सीपीआई के डी राजा, लोकसभा एमपी एस. सेंथिलकुमार, और फॉरवर्ड ब्लॉक के जी देवराजन शामिल हुए। ये कार्यक्रम चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के सौ साल पूरे होने के मौके पर हुआ. बीजेपी सांसद रीता बहुगुणा जोशी ने कम्युनिस्ट लीडर्स के चीनी दूतावास के कार्यक्रम में जाने को शर्मनाक बताया है.
रीता बहुगुणा जोशी ने कहा-'चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के 100 साल पूरा होने के चीनी दूतावास के कार्यक्रम में भारत के वाम दलों के नेताओं का शामिल होना बहुत आपत्तिजनक है. चीन लगातार धमकी देता है और लगातार पाकिस्तान का साथ देता है, हमारी सीमाओं को असुरक्षित करता रहता है. राष्ट्रीय हित्त में इन लोगों को दूर रहना चाहिए. जो अभी कोविड में हुआ और जिस प्रकार की भूमिका चीन की रही, जिस प्रकार के संदेह हैं उनके प्रति, यह बहुत ही शर्मनाक है और आपत्तिजनक है और खेदपूर्ण है कि उन्होंने चीन के कार्यक्रम में शामिल हुए.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-चीन पहुंचे तालिबानी नेता, चीनी विदेश मंत्री ने मुलाक़ात में रखी ये शर्त
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