पिथौरागढ़. प्रशासन ने नेपाल की कोविड जांच रिपोर्ट मानने से साफ इंकार कर दिया है. नए फैसले के बाद अब नेपाल से आने वाले सभी लोगों की भारत में कोविड जांच होगी. जांच में नेगेटिव आने पर ही नेपाली नागरिकों को भारत आने दिया जाएगा. असल में बॉर्डर डिस्ट्रिक्ट में कोरोना की पहली वेब में इंटरनेशनल बॉर्डर को पूरी तरह सील किया गया था. किसी को भी आने-जाने की परमिशन नहीं दी गई थी.
पहली वेब कम होने के बाद दोनों मुल्कों ने बॉर्डर को खोला गया. जबकि दूसरी वेब में इंटरनेशनल बॉर्डर पर दोनों मुल्कों ने एंटीजन रिपोर्ट के आधार पर अपने देश में आने की परमिशन दी थी. लेकिन अब नेपाल बॉर्डर की सुरक्षा पर तैनात सीमा सुरक्षा बल ने प्रशासन को जानकारी दी है कि नेपाल से आने वाले अधिकांश लोगों की कोविड जांच रिपोर्ट फर्जी है. एसएसबी की सूचना के बाद प्रशासन ने काफी सख्त रुख अपनाते हुए, नेपाल की जांच रिपोर्ट को अमान्य करार दिया है.
सीएमओ डॉ. हरीश पंत ने बताया कि अब नेपाल की जांच रिपोर्ट के आधार पर किसी को भी भारत में प्रवेश करने नहीं दिया जाएगा. सभी इंटरनेशनल पुलों पर हेल्थ डिपार्टमेंट की टीमों को तैनात किया जा रहा है. ये टीमें नेपाल से आने वालों का एंटीजन टेस्ट करेंगी. नेगेटिव रिपोर्ट आने पर ही भारत में प्रवेश करने दिया जाएगा. पॉजिटिव आने वाले को पुल से ही नेपाल वापस भेजा जाएगा. पिथौरागढ़ डिस्ट्रिक में सीतापुल, धारचूला, जौलजीबी, बलुआकोट, डोडा और झूलाघाट में झूला पुलों की मदद से नेपाल जाया जा सकता है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-पीएम नरेंद्र मोदी ने नेपाल के शेर बहादुर देउबा को विश्वास मत हासिल करने पर दी बधाई
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