नई दिल्ली. नीति आयोग ने एक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें ऐसे सुधारों के बारे में बताया गया है, जो देश के विद्युत वितरण सेक्टर को बदल देंगे. यह रिपोर्ट इस बिजली वितरण क्षेत्र सम्बंधी नीति-निर्माण में सुधार लाने की पहल है. हालांकि इस रिपोर्ट में विद्युत वितरण कंपनियों को वित्त वर्ष 2021 में 90,000 हजार करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान भी जताया गया है.
विद्युत वितरण सेक्टर में आमूल परिवर्तन शीर्षक से प्रकाश इस रिपोर्ट को नीति आयोग, आरएमआई और आरएमआई इंडिया ने मिलकर तैयार किया है. उल्लेखनीय है कि आरएमआई इंडिया, भारत में स्वच्छ ऊर्जा अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में काम करता है और यह अमेरिका के रॉकी माउंटेन इंस्टीट्यूट से सम्बद्ध है. इस रिपोर्ट को आज नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ राजीव कुमार ने जारी किया.
रिपोर्ट के अनुसार भारत में ज्यादातर बिजली वितरण कंपनियां (डिस्कॉम) हर साल घाटे में रहती हैं. वित्त वर्ष 2021 में उन्हें कुल 90,000 करोड़ रुपये का घाटा होने का अनुमान है. एक के बाद एक होने वाले घाटे के कारण बिजली उत्पादकों को समय पर भुगतान नहीं कर पातीं, बेहतर तरीके से बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिये जरूरी निवेश नहीं कर पातीं या विभिन्न नवीकरणीय ऊर्जा का बेहतर इस्तेमाल करने की तैयारी नहीं कर पातीं.
रिपोर्ट में भारतीय और दुनिया के बिजली वितरण सेक्टर में किये जाने वाले सुधार प्रयासों की समीक्षा की गई है. देश में मौजूद नीतिगत अनुभवों से प्राप्त होने वाले उत्कृष्ट व्यवहारों और सीख को इसमें शामिल किया गया है. नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ राजीव कुमार ने कहा कि इस रिपोर्ट में कई महत्वपूर्ण सुधारों को परखा गया, जैसे वितरण में निजी क्षेत्र की भूमिका, बिजली की खरीद, नियमों की स्थिति, नवीकरणीय ऊर्जा का एकीकरण और बुनियादी ढांचे को उन्नत बनाना. उन्होंने कहा कि एक मजबूत और कारगर वितरण सेक्टर जरूरी है, चाहे व्यापार सुगमता में सुधार लाने के लिये हो या जीवन को और आसान बनाने के लिये हो.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-नीति आयोग ने सरकार को सौंपी लिस्ट, दो सरकारी बैंकों का होगा निजीकरण
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