संयुक्त किसान मोर्चा में दरार, गुरनाम सिंह चढूनी ने दी बैठकों के बहिष्कार की चेतावनी

संयुक्त किसान मोर्चा में दरार, गुरनाम सिंह चढूनी ने दी बैठकों के बहिष्कार की चेतावनी

प्रेषित समय :10:07:56 AM / Sun, Aug 8th, 2021

नई दिल्‍ली. पंजाब में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर हरियाणा भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने पिछले दिनों बयान दिया था कि किसान संगठनों को ये चुनाव लड़ने चाहिए. इस बयान पर हुए विवाद के बाद अब उन्होंने चेतावनी दी है कि वह संयुक्त किसान मोर्चा की भविष्य में होने वाली सभी बैठकों का बहिष्कार करेंगे.

अपने फेसबुक पेज पर पोस्ट किए गए एक वीडियो बयान में किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने संयुक्‍त किसान मोर्चा के अन्य सदस्यों पर आरोप लगाया है कि उन्होंने उनके खिलाफ भेदभाव किया है, जबकि अन्य नेताओं के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की, जो इसी तरह की टिप्पणी कर रहे थे और राजनीतिक इरादा व्यक्त कर रहे थे.

संयुक्त किसान मोर्चा के अन्य नेताओं के खिलाफ आरोप लगाते हुए चढूनी ने शनिवार की बैठक का बहिष्कार किया था. उन्होंने मोर्चा पर उनकी शिकायतों की अनदेखी करने का भी आरोप लगाया. ‘मिशन पंजाब’ के बारे में सार्वजनिक रूप से घोषणा करने, लोगों से मिलने और किसानों को चुनाव लड़ने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए उन्हें पहले ही जुलाई में निलंबित कर दिया गया था.

हालांकि, गुरनाम सिंह चढूनी ने यह भी स्पष्ट किया है कि वह बैठकों में लिए गए सभी निर्णयों का पालन करना जारी रखेंगे और उनका इरादा आंदोलन को कमजोर करने का नहीं है. पिछले दिनों संयुक्त किसान मोर्चा ने गुरनाम सिंह चढूनी को पंजाब चुनाव के संबंध में दिए गए उनके बयान को लेकर सात दिनों के लिए निलंबित कर दिया था.

उन्होंने अपने निलंबन पर प्रतिक्रिया देते हुए एक वीडियो संदेश में कहा था, पंजाब में प्रदर्शनकारी (जो कृषि कानूनों के खिलाफ हैं), ईमानदार लोगों, मजदूरों, किसानों और छोटे दुकानदारों को अपनी सरकार बनानी चाहिए और पारंपरिक पार्टियों को हराना चाहिए. ऐसा करके इसे देश के सामने एक मॉडल के रूप में पेश करें. आज हमें एक दल से दूसरे दल में शासन बदलने की जरूरत नहीं है, बल्कि व्यवस्था को बदलने की जरूरत है और सत्ता से व्यवस्था को बदला जा सकता है. चढूनी ने कहा कि वह किसान आंदोलन में अहम भूमिका निभाते रहेंगे. उन्होंने कहा कि सरकार को यह नहीं सोचना चाहिए कि किसान संघों में किसी प्रकार का विभाजन है.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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