हर देश की रीति-रिवाज परंपरा अलग-अलग होती हैं. अफ्रीकन देशों के रीति-रिवाज हमेशा से लोगों का ध्यान अपनी तरफ खींचते रहे हैं. ऐसी ही एक परंपरा है दक्षिण अफ्रीका में ज़ुलु जनजाति की. दक्षिण अफ्रीका की जुलू जनजाति में उमेमुलो नाम की अनोखी परंपरा है. दशकों पुरानी इस परंपरा में लड़की को अपनी वर्जिनिटी साबित करनी होती है. इस अवसर पर खास आयोजन होता है. लड़की अगर वर्जन है तो बाकायदा जश्न मनाया जाता है.
दक्षिण अफ्रीका की जुलू जनजाति में 21 साल की उम्र होने तक लड़की को वर्जिन रहना अनिवार्य है. जब लड़की 21 साल की हो जाती है तो परिवार वाले एक पार्टी का आयोजन करते हैं. इसमें एक तरह से लड़की की वर्जिनिटी को सेलिब्रेट किया जाता है. पूरा परिवार इस बात का जश्न मनाता है कि लड़की अभी तक वर्जिन है.
इस आयोजन में लड़की के परिवार वाले नाते-रिश्तेदारों को बुलाते हैं. पार्टी शुरू करने से पहले लड़की के सम्मान में जानवर की बलि चढ़ाई जाती है और उसी जानवर की छाल से शरीर ढकना होता है. लड़की को खूब सारे गिफ्ट मिलते हैं.
वाइस इंडिया में लिखे एक आर्टिकल में जुलू जनजाति की महिला थेंबेला ने कहा कि मुझे ये परंपरा निभानी पड़ी. मेरे 21 साल होने के छह महीने पहले से ही मेरे घरवालों ने इसके लिए तैयारियां शुरू कर दी थीं. मां ने कंफर्म किया कि वाकई मैं वर्जिन हूं या नहीं. पारंपरिक वेशभूषा के अनुसार, मुझे टॉपलेस होना था और गाय की फैटी टिशू को अपनी बॉडी पर पहनना था. ऐसा माना जाता है कि अगर ये टिशू सेरेमनी के दौरान फट जाता है तो इसका मतलब है कि लड़की अपने वर्जिन होने को लेकर झूठ बोल रही है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-यहां नवजात के साथ निभाई जाती है खतरनाक परंपरा, ऊपर कूदते हैं लोग
वैदिक परंपरा के साथ ब्रह्म मुहूर्त में खुले भगवान बद्री विशाल के कपाट
डबलूएचओ ने किया स्पष्ट, बाबा रामदेव के दावों को बताया गलत, कहा- नई दी परंपरागत दवाई को मंजूरी
लोकसभा का गतिरोध लोकतांत्रिक परंपरा निभाने के बहाने टूटा, खत्म हुआ हंगामा
Leave a Reply