जबलपुर. मध्यप्रदेश में खंडवा लोकसभा और पृथ्वीपुर, जोबट व राजगढ़ विधानसभा के उपचुनाव टालने को लेकर दायर याचिका पर हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग से दो सप्ताह के अंदर जवाब मांगा है. आयोग की चुनाव को लेकर क्या तैयारी है? इसके पीछे इन क्षेत्रों में क्या आकलन कराया है? इसकी जानकारी भी देनी होगी.
हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की डबल बेंच में मामले की सुनवाई हुई. नागरिक उपभोक्ता मंच के डॉ. पीजी नाजपांडे की ओर से हाईकोर्ट में जनहित याचिका लगाई गई है. याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय ने तर्क रखा कि तीसरी लहर के बीच उपचुनाव कराना लोगों की जान जोखिम में डालना है.
याचिका में कहा गया कि दमोह उपचुनाव में कोविड के चलते एक हजार से अधिक लोगों को जान गंवानी पड़ी थी. ऐसे में कोरोना की तीसरी लहर खत्म होने तक उपचुनाव टाल दिए जाएं. याचिका में राज्य चुनाव आयोग के द्वारा प्रस्तुत अंडरटेकिंग का हवाला दिया गया. याचिकाकर्ता डॉ. पीजी नाजपांडे ने हाल में दी गई राज्य निर्वाचन आयोग की अंडेरटेकिंग रिपोर्ट का भी हवाला दिया है. इसमें राज्य निर्वाचन आयोग ने कहा है कि कोरोना की तीसरी लहर का आकलन करने के बाद ही निकाय चुनाव कराए जाएंगे. इसी आधार पर उक्त याचिका को हाईकोर्ट ने निराकृत किया था.
राज्य, केंद्र व चुनाव आयोग को बनाया है पक्षकार
याचिकाकर्ता की ओर से पूर्व में मुख्य चुनाव आयोग को नोटिस भेजकर उपचुनाव टालने की मांग की गई थी. हाईकोर्ट में पेश याचिका में राज्य व केंद्र सहित मुख्य चुनाव आयोग को पक्षकार बनाया गया है. इसकी सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग को दो सप्ताह में जवाब देने का आदेश दिया है. खंडवा लोकसभा और पृथ्वीपुर, जोबट व राजगढ़ विधानसभा उपचुनाव को लेकर दोनों पार्टियों की ओर से तैयारियां तेज हो चुकी हैं.
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