जबलपुर में सरकार के खजाने में मृत पेंशनरों से मिलते-जुलते भिखारियों की मदद से लगाते थे सेंध, कई मृत पेंशनरों के नाम पर निकाल लिया लोन

जबलपुर में सरकार के खजाने में मृत पेंशनरों से मिलते-जुलते भिखारियों की मदद से लगाते थे सेंध, कई मृत पेंशनरों के नाम पर निकाल लिया लोन

प्रेषित समय :18:47:33 PM / Sun, Aug 22nd, 2021

जबलपुर. मध्य प्रदेश के जबलपुर में 14 मृत लोगों के नाम पर पिछले तीन सालों से बैंक से पेंशन निकाल रहे गिरोह के कारनामें सामने आने लगे हैं. आरोपियों को रांझी पुलिस ने 25 अगस्त तक रिमांड पर लिया है. पूछताछ में एक बैंक चपरासी की भूमिका भी सामने आई है. आरोपी मृत लोगों के चेहरे से मिलते-जुलते भिखारी और ग्रामीणों की तलाश करते थे. फिर उन्हें एक हजार रुपए महीने पेंशन का लालच देकर हर महीने की 1 से 5 तारीख के बीच में बैंक बुलाते थे. तीन साल से आरोपी सरकारी खजाने में सेंध लगा रहे थे.

रांझी पुलिस की गिरफ्त में आए इस गिरोह का सरगना कांचीपुरम कॉलोनी मढ़ई निवासी सुशील वाघमारे (35) है. वहीं इंद्रा नगर भूमिया मोहल्ला निवासी जीवन सिंह ठाकुर (39) और महाराजपुर अधारताल निवासी राजकुमार नामदेव (58) उसके एजेंट थे. जीवन और राजकुमार का काम था कि वे मृत पेंशनर की तलाश करते थे. जैसे ही रांझी व अधारताल क्षेत्र में कोई पेंशनर की मृत होती थी. दोनों उसके घर पहुंच जाते थे. मृत पेंशनर के बेटा या बेटी से वह संपर्क करते थे. मृत पेंशनर का पासबुक सहित अन्य दस्तावेज ये कहते हुए ले लेते थे कि वे उनकी पेंशन चालू करा देंगे.

पासबुक की फोटो से मिलते-जुलते व्यक्ति की होती थी तलाश

सरगना सुशील वाघमारे जहां बैंक में लोन पास कराने की दलाली करता था. वहीं आरोपी जीवन सिंह ठाकुर व राजकुमार नामदेव का काम मृत पेंशनर की तलाश करने के साथ उससे मिलते-जुलते लोगों की तलाश करते थे. उनके टार्गेट पर धार्मिक स्थलों के बाहर भीख मांगने वाले महिला या पुरुष और ग्रामीण क्षेत्रों के आदिवासी बुजुर्ग होते थे. वह उन्हें एक हजार रुपए हर महीने पेंशन मिलने का झांसा देकर हर महीने की एक से 5 तारीख के बीच बुलाते थे.

2018 से मृत पेंशनरों की पेंशन निकाल रहे

ये गिरोह वर्ष 2018 से मृत पेंशनरों की पेंशन निकाल रहे थे. आरोपियों ने कई मृत पेंशनरों के नाम पर दो से ढाई लाख रुपए लोन भी निकाल लिए हैं. अभी 14 मृत पेंशनरों के नाम सामने आ चुके हैं. पर प्रारंभिक पूछताछ में ऐसे लोगों की संख्या 40 सामने आई है. रांझी पुलिस सभी लोगों के बारे में इंजीनियरिंग कॉलेज स्थित एसबीआई और अधारताल स्थित एसबीआई से डिटेल मांगा है. अधारताल स्थित एसबीआई के एक बैंक चपरासी की संलिप्तता सामने आई है.

इनके नाम पर निकाली जा रही थी पेंशन

बच्चूलाल, श्यामाबाई, चंदा बाई, सुशीला बाई, हरि सिंह, भागवती, गोविंद ढीमर, कोसाबाई, गायत्री बाई, बरी बाई, शीला चौधरी, रामदयाल, देव दयाल, गुलाबचंद, राधाबाई के नाम पर आरोपी 2018 से पेंशन निकाल रहे थे.

यह है पूरा मामला

रांझी थाने में साफ्टवेयर इंजीनियर योगेंद्र शर्मा ने शिकायत दर्ज कराई है. उकी नानी गायत्री बाई शर्मा शासकीय विद्यालय में शिक्षक थीं. 2004 में रिटायर होने पर 17000 रुपए पेंशन मिलती थी. 2018 में गायत्री बाई और योगेंद्र शर्मा बीमार पड़े थे. उस समय पैसों की तंगी आ गई थी. उसी दौरान सुशील वाघमारे ने संपर्क किया था. ढाई लाख लोन दिलाने के एवज में 30 हजार रुपए और जरूरी दस्तावेज लिए. अक्टूबर 2018 में गायत्री बाई की मौत हो गई. योगेंद्र ने सुशील वाघमारे से दस्तावेज मांगे, तो उसने ये कहकर नहीं दिया कि अब तो तुम्हारी नानी भी नहीं हैं. कुछ दिन पहले उसे पता चला कि आरोपी उसकी नानी की पेंशन निकाल रहे हैं.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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