पलपल संवाददाता, जबलपुर. मध्यप्रदेश के जबलपुर स्थित रांझी क्षेत्र में एक ऐसे गिरोह का खुलासा हुआ है जो मृत होने के बाद भी पेंशनधारियों के खाते से पेंशन निकालता रहा, इस मामले खुलासा उस वक्त हुआ है जब योगेन्द्र शर्मा नामक युवक को पता चला कि उसकी नानी की मौत के चार बाद भी पेंशन लगातार निकाली जा रही है. पुलिस ने मामले में जांच की तो पता चला कि गिरोह के तीन सदस्यों द्वारा 14 मृत लोगों के नाम पर इसी तरह से पेंशन निकाली जा रही है.
रांझी टीआई राजेश मालवीय ने बताया कि चर्च गेट के पास रहने वाले योगेन्द्र शर्मा की नानी गायत्री शर्मा शिक्षक के पद से सेवानिवृत हुई थी, जिन्हे करीब 22 हजार रुपए के लगभग पेंशन मिलती रही. करीब चार वर्ष पहले योगेन्द्र व उनकी नानी गायत्री शर्मा की एक साथ तबियत खराब हो गई, जिसके चलते नेपियर टाउन स्थित निजी अस्पताल में भरती होकर इलाज करा रहे थे, इलाज मे लगातार रुपया खर्च हो रहा था. इस दौरान परिचित सुशील वाघमारे, जीवन सिंह और राजकुमार उर्फ राजू पहुंचे, तीनों ने योगेंद्र का हालचाल पूछा, जिसपर योगेन्द्र ने अधिक रुपया खर्च होने की बात की तो तीनों ने यह कहते हुए नानी गायत्री शर्मा के जरुरी कागजात ले लिए कि वे पेंशन पर ढाई लाख रुपए लोन दिला देगें, यहां तक कि प्रोसेसिंग फीस के नाम पर भी 30 हजार रुपए ले लिए. इलाल के दौरान नानी गायत्री शर्मा का निधन हो गया, इसके बाद योगेन्द्र ने तीनों से लोन निकालने से मना कर दिया, इसके बाद दस्तावेज मांगे गए लेकिन तीनों ने दस्तावेज नहीं दिए, जब भी योगेेन्द्र दस्तावेज मांगता तो कोई न कोई बहाना करके टाल देते. इधर तीनों ठगों द्वारा हर वर्ष गायत्री शर्मा की जगह किसी और महिला को नवम्बर में बैंक में वेरीकेशन के लिए खड़ा करके पेंशन निकाल रहे थे.
चार वर्ष से वेरीफिकेशन के लिए किसी और महिला को खड़ा करके पेंशन निकाल रहे ठगों क ी कारगुजारी का अब पता चला है जब योगेंन्द्र किसी काम से रांझी इंजीनियरिंग कालेज स्थित एसबीआई शाखा में किसी काम से गया, जहां पर पता चला कि उनकी नानी के नाम पर हर माह 22 हजार रुपए पेंशन निकाली जा रही है. योगेन्द्र इस बात को सुनकर स्तब्ध रह गया, योगेन्द्र ने अपने स्तर पर पता लगाय तो यह जानकारी सामने आई कि तीनों ठगों द्वारा बैंक के कर्मचारियों के साथ इस तरह का खेल खेला जा रहा था. खासबात तो है कि चार वर्ष से मृत हुई गायत्री शर्मा के नाम पर दूसरी महिला को खड़ा करके वेरीफिकेशन करा दिया जाता था और किसी को कुछ पता भी नहीं चलता रहा. रांझी पुलिस ने मामले की जांच की तो पता चला कि अधारताल स्थित एसबीआई में ऐसा ही कुछ हो रहा है. अभी तक गिरोह द्वारा 14 मृत लोगों को जिंदा बताकर पेंशन निकाली जा रही थी, जिसमें करीब एक करोड़ रुपए निकाले गए है. पुलिस ने मामले आरोपी सुशील वाघमारे उम्र 35 वर्ष निवासी कांचीपुरम कालोनी मडई, जीवन सिंह ठाकुर उम्र 39 वर्ष निवासी इंद्रा नगर भूमिया मोहल्ला रांझी, राजकुमार नामदेव उम्र 58 वर्ष निवासी महाराजपुर अधारताल को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है, पुलिस अब इनके साथियों के बारे में पूछताछ कर रही है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-जबलपुर में रोटरी क्लब साउथ ने रोपे 150 फलदार पौधे..!
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