दमोह. एमपी के दमोह के जैन तीर्थ बेलाग्राम के एक मुनि सुद्धांत सागर ने 25 साल की साधना छोड़कर गृहस्थ जीवन अपना लिया है. उन्होंने आश्रम में छह दिन पहले ही आई महिला के साथ रहने का फैसला किया है. दरअसल, दोनों के रिश्ते पर शक होने पर दूसरे मुनियों ने आपत्ति जताई थी. सुद्धांत सागर का आरोप है कि दोनों के संबंध को लेकर आश्रम के लोगों ने उनकी पिटाई करके पिच्छी और कमंडल भी छीन लिया था. बचने के लिए मुनि महिला के साथ थाने गए और गृहस्थ जीवन अपनाने की घोषणा कर दी. इधर, आश्रम के लोगों ने मारपीट की घटना से इनकार किया है.
मुनि सुद्धांत सागर पिछले कई दिनों से जैन तीर्थ बेलाग्राम में रह रहे थे. आश्रम के लोग बताते हैं कि 25 साल पहले उन्होंने दीक्षा ली थी. वे बेलाग्राम में सिद्धांत सागर महाराज की देखरेख में साधना कर रहे थे. सुद्धांत सागर मंगलवार रात को हिंडोरिया थाने पहुंचे और पुलिस को पूरी घटना बताई.
फोन पर बात करने के दौरान शक हुआ
मुनि सुद्धांत सागर ने बताया, बेलाग्राम में प्रज्ञा दीदी नाम की महिला एक सप्ताह पहले रहने आई थी. हम दोनों के बीच बातचीत होने लगी. मंगलवार देर शाम प्रज्ञा बड़े मंदिर में बैठकर फोन पर किसी से बात कर रही थीं. आश्रम के प्रमुख सिद्धांत सागर को शक हुआ तो उन्होंने प्रज्ञा को आश्रम छोड़कर जाने के लिए कहा. प्रज्ञा के साथ मारपीट की गई. जब मैंने मारपीट से आचार्य को रोकने की कोशिश की, तो मेरे साथ भी मारपीट की गई. साथ ही, मौजूद दूसरे लोगों से भी पीटने के लिए कहा. पिच्छी और कमंडल भी छीन लिए. घबराकर वहां से भाग निकला. रात में ही जननी एक्सप्रेस एम्बुलेंस से लिफ्ट मांगकर थाने पहुंचा.
सुद्धांत सागर ने आरोप लगाया कि आश्रम में महिला और मेरी बातचीत को गलत संबंधों के रूप में जोड़कर देखा जा रहा था. चूंकि अब बदनामी हो चुकी है, इसलिए गृहस्थ जीवन स्वीकार कर कपड़े पहनूंगा. महिला के साथ ही जीवन व्यतीत करूंगा. घोषणा के बाद सागर ने थाने में ही सामान्य कपड़े पहन लिए. इसके बाद प्रज्ञा के साथ रवाना हो गए.
प्रज्ञा का आरोप- आश्रम में प्रताडि़त किया जा रहा था
प्रज्ञा मूल रूप से उत्तरप्रदेश के आगरा की रहने वाली हैं. उनका आरोप है वह करीब एक सप्ताह से आश्रम में हैं. यहां मौजूद कुछ माता और कुछ सेवक महिलाएं उन्हें प्रताडि़त कर रही थीं. खाना नहीं दे रही थीं. उस पर मुनि सागर के साथ गलत संबंधों के आरोप लगा रही थीं, जबकि उनके बीच में ऐसा कुछ नहीं था. हां, फोन पर उनकी मुनि महाराज से बात होती रहती थी.
आश्रम ने कहा- 3 साल से चल रही संदिग्ध गतिविधि
एएसपी शिवकुमार सिंह का कहना है कि रात को सुद्धांत सागर थाने आए थे. उन्होंने पूरा घटनाक्रम बताया. साथ ही, कार्रवाई या रिपोर्ट लिखाने के लिए मना कर दिया. उन्होंने ये बात लिखकर भी दी है. इसके बाद वे कहीं चले गए. इधर, आश्रम की ओर से सिद्धांत सागर की बहन ने कहा है कि मारपीट की कोई घटना नहीं हुई है. एक महीने पहले ही सुद्धांत सागर शिखर जी से यहां आए थे. दोनों के बीच संदिग्ध गतिविधियां वहीं से शुरू हुई थीं. ऐसा करीब 3 साल से चल रहा था.
20 पंथी हैं सुद्धांत सागर
जैन धर्म के अनुसार दिगंबर जैन में 2 पंथ होते हैं. एक 13 पंथी और एक 20 पंथी. यह दोनों पंथ से जुड़े जैन समाज के लोगों की पूजा पाठ में कुछ तरीके अलग होते हैं. बेलाग्राम में रहने वाले आचार्य सिद्धांत सागर महाराज और गृहस्थ जीवन अपनाने वाले मुनि सुद्धांत सागर 20 पंथी कहलाते हैं, जिनसे 13 पंथी जैन समाज के लोग सरोकार नहीं रखते.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-
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