नई दिल्ली. यूरोपीय संघ के अधिकारियों ने अफगानिस्तान के नए शासक के रूप में तालिबान के साथ संबंधों के स्तर के बारे में शुक्रवार को मानवाधिकारों और कानून के शासन सहित विभिन्न शर्तों की एक सूची तैयार की. पिछले महीने अफगान सरकार के गिरने और अफगानिस्तान पर तालिबान के काबिज होने के बाद 27 देशों के संघ ने युद्धग्रस्त देश से अपने राजनयिकों को वापस बुला लिया है. लेकिन यूरोपीय संघ (ईयू) के अधिकारियों ने कहा है कि क्योंकि अब जब तालिबान सत्ता में आ गया है तो वे सहयोग की इच्छा रखते हैं.
ईयू मानवीय सहायता पहुंचाने तथा काबुल से अफगान सहयोगियों और कर्मियों को बाहर निकालने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है एवं बड़ी संख्या में शरणार्थियों को आने से रोकने की कोशिश कर रहा है जिससे कि यूरोप में कोई अन्य प्रवासन संबंधी संकट उत्पन्न न हो.
स्लोवेनिया में यूरोपीय विदेश मंत्रियों के साथ बैठक के बाद ईयू के विदेश नीति प्रमुख जोसेफ बोरेल ने कहा कि तालिबान की किसी अच्छी नीयत’ को परखने के लिए निकाय कई कसौटियों पर उसे परखेगा जिनमें यह भी शामिल है कि अफगानिस्तान दूसरे देशों में आतंकवाद के निर्यात का आधार नहीं बनेगा और मानवीय सहायता प्रदायगी तक लोगों की स्वतंत्र पहुंच की प्रतिबद्धता व्यक्त करेगा एवं मानवाधिकारों, कानून के शासन और प्रेस की स्वतंत्रता के क्षेत्रों में मानदंडों का पालन करेगा.
बोरेल ने कहा, यह स्पष्ट है कि हमारे लिए अफगानिस्तान का भविष्य महत्वपूर्ण मुद्दा है. यह हमें, क्षेत्र और अंतरराष्ट्रीय स्थिरता को प्रभावित करता है तथा इसका यूरोपीय सुरक्षा पर सीधा प्रभाव है. उन्होंने जोर देकर कहा कि ईयू अफगानिस्तान में समावेशी सरकार देखना चाहता है और यह भी चाहता है कि तालिबान विदेशियों तथा डर में रह रहे लोगों को युद्धग्रस्त देश छोड़ने देने की अपनी प्रतिबद्धता का पालन करे. बोरेल ने कहा, ‘‘हमारी कवायद इन शर्तों के पूर्ण होने पर निर्भर करेगी.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-दिल्ली विधानसभा में मिली गुप्त सुरंग, जमीन के अंदर से जाती है लाल किले तक
दिल्ली को पांच दिन बाद मिली झमाझम बारिश से राहत, बिहार में कई नदियों का जलस्तर बढ़ा
दिल्ली भारी बारिश से बेहाल, ऑरेंज अलर्ट जारी, टूटा 19 साल का रिकॉर्ड
Leave a Reply