गुरु 14 सितम्बर से मकर राशि में गोचर करेंगे और 21 नवंबर तक रहेगे

गुरु 14 सितम्बर से मकर राशि में गोचर करेंगे और 21 नवंबर तक रहेगे

प्रेषित समय :20:16:13 PM / Sun, Sep 5th, 2021

पिछले काफी दिनों से कुंभ राशि में वक्री चल रहे गुरु ग्रह 14 सितम्बर से मकर राशि में गोचर करेंगे.   मकर राशि में गुरु 21 नवंबर तक रहेगे*

मकर राशि में गोचर कर रहे गुरु की युति शनि से और राहु की दृष्टि भी रहेगी. शनि दुःख और दुर्भाग्य, राहू असफलता का कारक है. ज्योतिष अनुसार गुरु घर के बुज़ुर्ग, बड़े भाई, लंबी अवधि के निवेश, बरकत, तरक्की, सुख का कारक है. लेकिन जिनकी भी जन्म कुंडली में गुरु का पितर दोष, गुरु शनि की युति, गुरु अस्त या नीच राशी का है उनको गुरु के मकर राशी गोचर से बुज़ुर्ग या देब भाई से कष्ट, लंबी अवधि के निवेश जैसे की चल अचल सम्पति की खरीदारी में नुक्सान, तरक्की में रुकावट आयेगी. लेकिन ज्योतिष का महत्वपूर्ण सूत्र भी समझ लीजिये की कोई भी ग्रह जिस भाव में गोचर करता है वहा सिर्फ भाव की प्रकृति, भावेश से मित्रता शत्रुता संबंध देख कर अपने कारक विषय अनुसार फल देता है. ज्योतिष अनुसार गुरु का गोचर जन्म कुंडली के 1, 2, 4, 5, 9, 12वे भाव में शुभता देता है, जबकि अन्य भाव में गुरु गोचर के फल अशुभ जानने चाहिए. गुरु अपनी दशा या गोचर में शुभ फल दे रहा हो पिता या बड़े भाई के माध्यम से सुख की प्राप्ति, चल अचल सम्पति का सुख, लंबी अवधि के निवेश में लाभ और नोकरी, व्यवसाय में तरक्की के योग होते हैं, जबकि अगर गुरु अपनी दशा या गोचर में अशुभ फल दे रहा हो तो पिता या बड़े भाई के माध्यम से कष्ट, चल अचल सम्पति का नुकसान, लंबी अवधि के निवेश में नुक्सान, तरक्की में रुकावट आती है. यदि इस तरह गुरु के अशुभ फल मिल रहे हो तो शुभता प्राप्ति के लिए गुरूवार के दिन केले और पीपल के पेड़ पर जल अर्पित करना चाहिये, चीनी, शहद, गन्ने के रस जैसे मीठे पदार्थो के दान, हल्दी, हलवा और पीले वस्त्र के दान करने चाहिए.
Astro nirmal

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

जानें ज्योतिष आचार्य पं. श्रीकान्त पटैरिया से सितंबर 2021 का मासिक राशिफल

नींद ना आने के ज्योतिषीय कारण व उपाय

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जानें- क्यों आती है दांपत्य जीवन या प्रेम प्रसंग में खटास

ज्योतिषी शास्त्रों के अनुसार कालसर्प दोष के 12 कारण

Leave a Reply