नई दिल्ली. टोक्यो पैरालंपिक रविवार को खत्म हो गए. भारत ने 19 पदक जीतकर यादगार प्रदर्शन किया. 53 साल के इतिहास में भारत ने पैरालंपिक में कुल 31 मेडल जीते हैं. इसमें से अकले 19 यानी 61 फीसदी पदक तो इसी बार जीत लिए. टोक्यो पैरालंपिक में भारत का अब तक का सबसे बड़ा दल गया था. 9 खेलों मे देश के 54 पैरा एथली्टस ने हिस्सा लिया. इसमें से 19 ने मेडल जीते. यानी हर तीसरा खिलाड़ी पदक जीतने में सफल रहा. यह पैरालंपिक खेलों के इतिहास में भारत का अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है.
दूसरी तरफ, ओलंपिक खेलों में भी भारतीय एथलीट्स ने कामयाबी की नई इबारतें गढ़ीं. भारत ने इन खेलों के 121 साल के इतिहास में पहली बार एक रिकॉर्ड 7 पदक जीते. इसमें 1 गोल्ड, 2 सिल्वर और 4 ब्रॉन्ज मेडल शामिल हैं. भारत के 126 खिलाड़ियों ने इन खेलों हिस्सा लिया था और इसमें से 7 पदक जीतने में सफल रहे. यानी हर 18वां खिलाड़ी मेडल जीता. इसे पैरा एथलीट्स के प्रदर्शन के लिहाज से फीका ही कहा जाएगा.
अगर दोनों टीमों की टोक्यो खेलों की ओवरऑलर रैंकिंग पर भी नजर डालें तो पैरा एथली्टस की सफलता का अंदाज लग जाता है. टोक्यो ओलंपिक में भारत रिकॉर्ड 7 पदक जीतकर 48वें, जबकि पैरालंपिक की पदक तालिका में 19 मेडल के साथ 24वें पायदान पर रहा. पैरा एथलीट्स की यह कामयाबी इसलिए भी बड़ी है. क्योंकि इनकी ट्रेनिंग पर बीते 5 साल में ओलंपिक की हिस्सा लेने वाले खिलाड़ियों की तुलना में काफी कम पैसा खर्च हुआ है. खेल मंत्रालय और स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया द्वारा जारी आंकड़ों से इस हकीकत को समझा जा सकता है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-बैडमिंटन में कृष्णा नागर ने जीता गोल्ड मेडल, भारत को टोक्यो पैरालंपिक में मिला 5वां स्वर्ण पदक
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