नई दिल्ली. शहर की चमक-दमक वाली लाइफ स्टाइल में रहने के बाद भले ही लोग गांव में जाना पसंद न करते हों लेकिन मेघालय के कोंगथोंग गांव को यूनाइटेड नेशन्स वर्ल्ड टूरिज्म ऑर्गेनाइजेशन अवॉर्ड के लिए बेस्ट टूरिज्म विलेज की कैटेगरी में नॉमिनेट किया गया है. कोंगथोंग गांव के साथ ही भारत के दो और गांवों को भी शामिल किया गया है. यूनाइटेड नेशन्स वर्ल्ड टूरिज्म ऑर्गेनाइजेशन की लिस्ट में मध्य प्रदेश के लाधपुर खास और तेलंगाना के पोचमपल्ली गांव को भी शामिल किया गया है. बता दें कि टूरिज्म डेस्टिनेशन के लिहाज से ये गांव पर्यटकों को काफी पसंद आते हैं.
मध्य प्रदेश के गांव को मिली इस उपलब्धि पर राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट करते हुए लिखा, मध्य प्रदेश के लाधपुरा खास गांव की बेस्ट टूरिज्म विलेज मे एंट्री हमारे लिए गर्व की बात है. लाधपुरा गांव को मिली इस उपलब्धि के लिए मध्य प्रदेश टूरिज्म और प्रशासन की पूरी टीम को मेरी ओर से बहुत-बहुत शुभकामनाएं. इसी तरह बेहतर काम करते रहें.
मध्य प्रदेश के लाधपुरा गांव टीकमगढ़ जिले की ओरछा तहसील में आता है. टूरिज्म एंड कल्चर के प्रमुख सचिव शेखर शुक्ला ने बताया कि राज्य में चल रहे ग्रामीण पर्यटन परियोजना के तहत अगले पांच सालों में 100 गावों को विकसित किया जाएगा.
इसी तरह से यूनाइटेड नेशन्स वर्ल्ड टूरिज्म ऑर्गेनाइजेशन की ओर से मेघालय के कोंगथोंग गांव को बेस्ट टूरिज्म विलेज की कैटेगरी में नॉमिनेट किए जोन पर मेघालय के सीएम कोनराड संगमा ने खुशी जाहिर की है. संगमा ने अपनी खुशी जाहिर करते हुए लिखा, मेघालय का कोंगथोंग गांव को भारत के दो अन्य गांवों के साथ UNWTO की बेस्ट टूरिज्म विलेज की सूची में शामिल किया गया है.
कोंगथोंग गांव शिलांग से 60 किलोमीटर दूर स्थित है. कोंगथोंग गांव अपने प्राकृतिक सौंदर्य और विशिष्ट संस्कृति के लिए जाना जाता है. इस गांव को व्हिस्लिंग विलेज के नाम से भी जाना जाता है. यह उन 12 गांवों में शामिल है जहां पर किसी भी बच्चे के जन्म के साथ उसे एक एक विशेष प्रकार की ध्वनि’ जोड़ दिया जाता है. ये ध्वनि बच्चे के साथ जीवनभर जुड़ी रहती है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-दिल्ली में बारिश ने तोड़ा 77 साल का रिकॉर्ड, एयरपोर्ट सहित अनेक क्षेत्र हुये जलमग्न
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