जैसा लॉकडाउन और सरकारी प्रतिबंध जनता ने 2020-2021 मे झेला है शायद ऐसा तो आपातकाल मे ही झेला होगा, 2020 जनवरी मे शनिदेव जैसे ही मकर मे आये उन्होंने कोरोना की दहशत फैलानी शुरू कर दी थी, ऐसा लगा की कोई महा खतरा आने वाला है, जिसके कारण लोग सहम गए,अप्रैल 2021 मे गुरुदेव के मकर में आते ही पूरे देश ने लॉकडाउन झेला, इसके बाद गुरुदेव जून से अक्टूबर तक धनु मे रहे तब लोगों को थोड़ी राहत मिली, लेकिन जैसी ही गुरुदेव पुनः मकर मे आये फिर कोरोना की दूसरी लहर की सुगबुगाहट चालू हो गई,परिणाम स्वरूप फिर लॉकडाउन झेलना पड़ा, फिर दूसरी लहर ने जो तहलका मचाया उसने लोगों के होश उड़ा दिये, दोबारा फिर वही हालात बन रहे है, हमे पिछले अनुभव से सबक लेना चाहिए,15 सितंबर से 21 नवंबर तक गुरुदेव और शनिदेव की युति फिर से मकर राशि मे बन रही है,जैसे की 2020 नवंबर मे बनी थी, उसके बाद कोरोना ने कहर बरपाया था, ऐसा योग फिर आ गया है, सरकार ने अपनी तरफ से टीकाकरण और अन्य जरूरी उपाय तो किये है लेकिन हमारी सुरक्षा हमारे ही हाथ मे है.
*21 नवंबर से 15 अप्रैल तक खतरा रहेगा तीसरी लहर का*-15 सितंबर से 21 नवंबर तक गुरु और शनि मकर राशि मे रहेंगे जो कोरोना या किसी नई बीमारी के खतरे को उत्पन्न कर सकते है, 21 नवम्बर को जैसे ही गुरुदेव मकर राशि छोड़कर कुम्भ राशि मे आयेंगे वैसे ही कोई बीमारी या कोरोना का वैसा ही हमला हो सकता है जैसा इस वर्ष अप्रैल मई मे हुआ था, इसलिए हमे पूर्ण सावधानी बरतनी है, अपनी तरफ से पूर्ण सुरक्षा के उपाय करे,दूसरी लहर ने कई परिवार बर्बाद कर दिये थे, इसलिए सतर्क रहे.
*अप्रेल 22 मे टल जायेगा खतरा*-अप्रैल 2022 मे शनि के मकर राशि छोड़ते ही विश्व व्यापी कोरोना का खतरा समाप्त हो जाएगा, जिसके बाद पूरे विश्व अपने कामकाज, उन्नति और आर्थिक प्रगति की और ध्यान देगा, अप्रैल मे गुरु, राहु, केतु, शनि का परिवर्तन विश्व को एक नई दिशा देगा.
*पंडित चंद्रशेखर नेमा "हिमांशु"
9893280184,7000460931
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