लंदन. यूनाइटेड किंगडम सरकार ने शुक्रवार को इंग्लैंड आने वाले लोगों के लिए अंतरराष्ट्रीय यात्रा नियमों में एक बड़ी छूट की घोषणा की है, जिसके मुताबिक कोरोना-रोधी वैक्सीन की दोनों डोज लेने वाले यात्री अब इंग्लैंड में बिना किसी परेशानी के दाखिल हो सकेंगे. यूके सरकार का यह कदम निश्चित तौर पर भारत और यूके के बीच लंबी दूरी के मार्गों पर यात्रा करने वालों के लिए फायदेमंद साबित होगा.
यूके सरकार ने ऐलान किया है कि 4 अक्टूबर से, कोविड -19 जोखिम के स्तर के आधार पर देशों को दिए गए रेड, एम्बर और ग्रीन रंग से संबंधित वर्तमान ट्रैफिक लाइट सिस्टम को समाप्त कर दिया जाएगा और इसे केवल एक रेड लिस्ट से बदल दिया जाएगा. अब सिर्फ कोरोना के उच्च जोखिम वाले देशों को ही इस रेड लिस्ट में शामिल किया जाएगा.
एक एम्बर सूची जिसमें कि फिलहाल भारत है, को खत्म करने का सीधा मतलब यह है कि उन यात्रियों पर होने वाले खर्च में कमी आएगी, जिन्हें अनिवार्य क्वारंटाइन और पीसीआर टेस्ट जैसी गतिविधियों से गुजरना पड़ता था. 4 अक्टूबर से, यात्रियों को विदेश से इंग्लैंड की यात्रा के लिए प्रस्थान (बोर्डिंग) से पहले आरटी-पीसीआर परीक्षण करने की भी जरूरत नहीं होगी.
यूके परिवहन मंत्री ग्रांट शाप्स ने कहा, यात्रा नियमों में आज के परिवर्तनों का मतलब है एक सरल और पहले की तुलना में अधिक सीधी प्रणाली. कम परीक्षण और कम लागत वाली एक ऐसी प्रणाली, जो अधिक लोगों को यात्रा करने, अपने प्रियजनों को देखने या दुनिया भर में व्यापार करने की इजाजत देती है.
हालांकि उन देशों की विस्तृत सूची में भारत का नाम नहीं है, जिनके टीकों को इंग्लैंड में मान्यता है. इसका मतलब है कि वैसे भारतीय जिन्होंने कोविशील्ड (सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया में तैयार ऑक्सफ़ोर्ड/एस्ट्राजेनेका टीका) की खुराक ली है, उन्हें अब भी रवाना होने से पहले पीसीआर जांच और ब्रिटेन पहुंचने पर भी आगे जांच से गुजरना होगा.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-ब्रिटेन की 18 साल की राडुकानो ने रचा इतिहास, बनी यूएस ओपन की नई चैंपियन
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