चंडीगढ़. कांग्रेस के नए विधायक दल के नेता चरणजीत सिंह चन्नी आज सुबह 11 बजे पंजाब के 16वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे. शपथ ग्रहण का ये कार्यक्रम चंडीगढ़ में आयोजित किया जा रहा है. चमकौर साहिब निर्वाचन क्षेत्र से तीन बार के विधायक और दलित नेता तेजी से पंजाब की राजनीति में से मुकाम पर पहुंचे हैं. पंजाब के मनोनीत सीएम चरणजीत सिंह चन्नी ने शपथ ग्रहण समारोह से पहले रूपनगर के एक गुरुद्वारे में पूजा-अर्चना की. चरणजीत सिंह चन्नी के सामने लगातार चल रही अंदरूनी कलह को नियंत्रित करने का चुनौतीपूर्ण काम है, जो अमरिंदर सिंह के जाने के बाद भी कम होने की संभावना नहीं है.
चन्नी का जन्म 1963 में कुराली के पास पंजाब के भजौली गांव में हुआ था. उनका परिवार मलेशिया में बस गया था जहां उनके पिता काम करते थे, लेकिन वे 1955 में भारत लौट आए और पंजाब के एसएएस नगर जिले के खरार शहर में बस गए.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने की संभावना नहीं है. पार्टी के पंजाब प्रभारी हरीश रावत ने रविवार को कहा कि राज्य में दो उपमुख्यमंत्री होंगे. एक उपमुख्यमंत्री जाट सिख समुदाय से होगा और दूसरा हिंदू समुदाय से होगा.
कांग्रेस नेताओं के मुताबिक शपथग्रहण का समारोह बेहद छोटा होगा और इसमें 40 लोगों के शामिल होने की संभावना है. वहीं केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने रविवार को कहा कि 4-6 महीने की बात है. जनता फिर से पंजाब का नया मुख्यमंत्री चुनेगी. अमरिंदर सिंह ने शनिवार को पंजाब के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया, क्योंकि उनके और पंजाब कांग्रेस प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू के बीच महीनों से खींचतान चल रही थी. कांग्रेस विधायक दल (CLP) की बैठक से एक घंटे से भी कम समय पहले अमरिंदर सिंह ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था. कहा जा रहा था कि अमरिंदर सिंह और सिद्धू खेमे के बीच अंदरूनी कलह को खत्म करने के लिए विधायक दलकी बैठक बुलाने की योजना बनाई गई थी, लेकिन पहले ही अमरिंदर सिंह के इस्तीफे के बाद चर्चा पंजाब के अगले मुख्यमंत्री को चुनने पर हुई.
चन्नी को सर्वसम्मति से पंजाब के कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) के नेता के रूप में चुना गया था और कैप्टन अमरिंदर सिंह के इस्तीफे के बाद वह अगले मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभालने के लिए तैयार हैं. चन्नी अमरिंदर सिंह के मंत्रिमंडल में तकनीकी शिक्षा मंत्री थे. चरणजीत सिंह चन्नी के सामने लगातार चल रही अंदरूनी कलह को नियंत्रित करने का चुनौतीपूर्ण काम है, जो अमरिंदर सिंह के जाने के बाद भी कम होने की संभावना नहीं है. चन्नी को राज्य विधानसभा चुनावों से तीन महीने पहले अमरिंदर सिंह के लंबित वादों की 18-सूत्रीय टू-डू सूची को पूरा करने की जिम्मेदारी है, जिसके लिए उन्हें जमीन पर उतरना होगा.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-पंजाब: चरणजीत चन्नी होंगे नए मुख्यमंत्री, चुने गए विधायक दल के नेता
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