नई दिल्ली. दिल्ली हाई कोर्ट ने भारतीय टेबल टेनिस महासंघ (टीटीएफआई) के आने वाले इंटरनेशनल टूर्नामेंट्स में सिलेक्शन के लिए नैशनल प्रैक्टिस कैंप में अनिवार्य उपस्थिति के फैसले पर गुरुवार को रोक लगा दी और केंद्र से इस खेल संस्था के खिलाफ मनिका बत्रा की शिकायत पर जांच करने करने को कहा. न्यायमूर्ति रेखा पल्ली ने आगे कहा कि अगर जरूरी हुआ तो केंद्रीय खेल मंत्रालय टीटीएफआई के कार्यों की भी जांच कर सकता है.
न्यायमूर्ति पल्ली शीर्ष टेबल टेनिस खिलाड़ी बत्रा की एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी. बत्रा को आने वाली एशियाई टेबल टेनिस चैंपियनशिप के लिए भारतीय टीम से बाहर कर दिया गया था. उन्होंने आरोप लगाया था कि नैशनल कोच सौम्यदीप राय ने ओलंपिक क्वालीफायर के दौरान एक मैच गंवाने के लिए उन पर दबाव बनाया था. न्यायाधीश ने कहा कि राष्ट्रीय शिविर में उपस्थिति को अनिवार्य करने वाला नियम ऐसे समय पर लागू किया गया जबकि नैशनल कोच के खिलाफ शिकायत लंबित थी और उसी कारण विश्वास पैदा नहीं होता है.
आरोपों की जांच के लिए महासंघ द्वारा गठित समिति को इस मुद्दे पर केंद्र का रुख जानने के बाद जिस तरह से पुनर्गठित किया गया उस पर भी कोर्ट ने नाराजगी व्यक्त की. न्यायाधीश ने कहा, 'वे कोर्ट से आगे निकल रहे हैं. अवमानना का नोटिस जारी करूंगी. मैं एक आदेश पारित करती हूं और आप एक नए व्यक्ति को नियुक्त करते हैं. यह चौंकाने वाला है... मैं अपनी नाराजगी व्यक्त कर रही हूं.'
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-इंग्लैंड चाहता है मैनचेस्टर में बिना खेले हार मान ले भारत, विराट-रोहित शर्मा ने कहा-ये मंजूर नहीं
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