प्रदीप द्विवेदी ( @PalpalIndia ). इधर, पंजाब के नए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने मंगलवार को अपने मंत्रिमंडल में नए शामिल किए गए मंत्रियों को विभाग सौंपे और उधर, पंजाब कांग्रेस में कुछ दिनों की खामोशी के बाद सियासी धमाका हुआ, पंजाब के नव-नियुक्त कांग्रेस प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया?
याद रहे, कुछ समय पहले ही पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह नेें मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया था और तब कहा था कि वह अपने राजनीतिक विकल्प खुले रख रहे हैं!
जिस तरह की सियासी उठा-पटक चल रही है, उसको देखते हुए ये दोनों नेता कुछ भी निर्णय ले सकते हैं, लेकिन अब जो सियासी समीकरण उभर रहा है, उसे देख कर लगता है कि पंजाब में किसी की भी सरकार बने, इन दोनों नेताओं को पंजाब की सत्ता हाथ नहीं आनी है?
कोई भी फायदे में रहे, इन दोनों का सियासी नुकसान लगभग तय है, जिसे लेकर पल-पल इंडिया (27 अगस्त 2021) ने पहले ही कहा था- पंजाब में कांग्रेस के ही दो खिलाड़ी रन आउट करवाएंगे?
जिसमें लिखा था कि- इन दिनों पंजाब कांग्रेस के दो दिग्गज खिलाड़ी विरोधियों से लड़ने के बजाए आपस में ही उलझे हैं, पंजाब विधानसभा चुनाव करीब आ रहे हैं और लगता है- पंजाब में कांग्रेस के ये दोनों खिलाड़ी रन आउट करवाएंगे? ठोको ताली!
देश में कांग्रेस अब तक जितने भी चुनाव हारी है उसमें विरोधियों का कम और कांग्रेसियों का ज्यादा योगदान रहा है.... ऐन चुनाव से पहले गुटबाजी, भितरघात, आत्मघाती विवादास्पद बयानबाजी आदि ऐसी खास सियासी योग्यताएं हैं, जिनके दम पर गैर-कांग्रेसियों को हारा हुआ चुनाव जीतने का आपदा में अवसर मिलता रहा है?
किसान आंदोलन के कारण पंजाब में कुछ माह पहले तक ऐसा लग रहा था कि कांग्रेस बड़ी आसानी से विधानसभा चुनाव जीत जाएगी, लेकिन अचानक कांग्रेस के दिग्गज नेता- सीएम अमरिंदर सिंह और पंजाब कांग्रेस के नए अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के बीच सियासी रस्साकशी शुरू हो गई, नतीजा.... गैर-कांग्रेसियों के सत्ता के सपनों को पंख लग गए हैं!
दिलचस्प खबर है कि काफी खींचतान और सीएम अमरिंदर सिंह की इच्छा के विरूद्ध पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष बनाए गए नवजोत सिंह सिद्धू ने पार्टी को धमकाते हुए लहजे में कहा कि यदि उन्हें फैसले लेने की आजादी नहीं दी गई तो वह ईंट-से-ईंट बजा देंगे?
यह प्रतिक्रिया तब आई, जब क्रिकेटर से राजनेता बने सिद्धू ने कांग्रेस पार्टी की ओर से अल्टीमेटम दिए जाने के बाद उनके सलाहकार मालविंदर सिंह को इस्तीफा देना पड़ा!
इस बेगाने सियासी घमासान से बीजेपी बड़ी खुश है, किसान आंदोलन के बाद बीजेपी के लिए तो वहां कोई खास संभावना बची नहीं है, लेकिन यदि कांग्रेस पंजाब में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाई तो उसे वैसी ही खुशी मिलेगी जैसी पश्चिम बंगाल में बीजेपी के हारने के बाद कांग्रेस को मिली थी?
बहरहाल, सियासी सयानों का मानना है कि सिद्धू अपने समर्थकों के दम पर कांग्रेस की सरकार तो गिरा सकते हैं, लेकिन सुपर सीएम वे बन नहीं पाए हैं और आगे के राजनीतिक रास्ते भी बंद हैं, क्योंकि अब उनकी विश्वसनीयता पर ही प्रश्नचिन्ह लग गया है?
जैसा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह ने ट्वीट किया है- मैने आपको पहले ही बताया था.... वह (सिद्धू) एक स्थिर व्यक्ति नहीं है!
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष पद से नवजोत सिद्धू के इस्तीफे पर कैप्टन अमरिंदर सिंह का बयान
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