नई दिल्ली. चुनाव आयोग ने पिछले पांच चुनावों की समीक्षा के बाद चुनाव, मतदान और मतगणना की प्रक्रिया को लेकर नए दिशानिर्देश जारी किए हैं. आयोग ने नए नियमों में किसी इनडोर फैसिलिटी में लोगों के बैठने की क्षमता को 30% तक सीमित कर दिया गया है. इसके साथ ही आयोग ने बताया कि अगर कोई कोविड रोधी नियमों का उल्लंघन करता पाया जाता है तो उम्मीदवारों और स्टार प्रचारकों की रैलियों और अभियानों पर स्थायी प्रतिबंध लगाने के प्रावधान भी किए गए हैं. आयोग के ये दिशा निर्देश 30 विधानसभा और तीन संसदीय क्षेत्रों में आगामी उपचुनावों में भी लागू होंगे. अधिकारियों का कहना है कि आयोग ने मार्च और अप्रैल में हुए पिछले पांच विधानसभा चुनावों की समीक्षा के बाद दिशानिर्देश जारी किए हैं. इन्हीं महीनों में भारत में कोरोना की दूसरी लहर चरम पर थी.
चुनाव आयोग के एक अधिकारी ने कहा, आयोग ने चुनाव के अंतिम दौर में लागू मौजूदा दिशानिर्देशों की समीक्षा की. फिर आयोग ने प्लानिंग में कमियों समीक्षा की. अब आयोग ने नियमों का उल्लंघन करने वालों पर स्थायी प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है.
असम, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी में हुए विधानसभा चुनावों के अंतिम दौर में आयोग को कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ा था. मद्रास हाईकोर्ट ने मौखिक तौर पर यह भी कहा था कि चुनाव आयोग के अधिकारियों को हत्या के लिए उत्तरदायी ठहराया जाना चाहिए. उधर आयोग के नए निर्देशों के अनुसार इनडोर लोकेशन पर राजनीतिक कार्यक्रमों के लिए अधिकतम 200 लोगों की मौजूदगी या कुल क्षमता की 30 फीसदी होगी. अगर किसी रैली में स्टार प्रचारक शामिल हैं तो ऐसी परिस्थिति में खुले मैदानों में जगह की क्षमता के आधार पर 50 फीसदी से अधिक लोग नहीं होने चाहिए. लेकिन इनकी संख्या 1,000 से अधिक ना हो. इसके साथ ही अन्य रैलियों में अधिकतम 500 लोगों की मौजूदगी होनी चाहिए.
आयोग ने नए दिशा निर्देश में कहा है कि पूरे इलाके में पुलिस की सिक्योरिटी के साथ घेराबंदी की जाएगी. रैली के लिए निश्चित किए गए मैदान में आने वालों वालों की संख्या पर नजर रखी जाएगी. घेराबंदी/बैरिकेडिंग का खर्च उम्मीदवार या राजनीतिक दल देगा. केवल उन्हीं मैदानों को रैलियों के लिए इस्तेमाल किया जाएगा, जिन्हें पूरी तरह से घेर लिया गया है या बैरिकेडिंग की गई है.
चुनाव आयोग ने आगामी उपचुनावों के लिए पंजीकृत राजनीतिक दलों के लिए स्टार प्रचारकों की संख्या को 30 से घटाकर 20 कर दिया है. आयोग ने चेतावनी दी है कि अगर नियमों का उल्लंघन हुआ तो प्रचारकों को स्थायी तौ पर प्रचार करने से रोक दिया जाएगा. अधिसूचना में कहा गया है- यदि कोई उम्मीदवार या राजनीतिक दल किसी भी दिशा-निर्देश का उल्लंघन करता है, तो संबंधित उम्मीदवार, पार्टी को रैलियों, बैठकों आदि के लिए कोई और अनुमति नहीं दी जाएगी. यदि कोई स्टार प्रचारक कोविड प्रोटोकॉल का उल्लंघन करता है, तो उसे आगे प्रचार करने की अनुमति नहीं दी जाएगी.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-चुनाव आयोग का बंगाल सरकार को सख्त निर्देश, जीत पर न मनाया जाए जश्न, न हो हिंसा
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