वडोदरा. गुजरात के वडोदरा शहर में नवरात्रि के उत्सव के दौरान अनुसूचित जाति की दो महिलाओं को गरबा नृत्य करने से कथित तौर पर रोक दिया गया, जिसके बाद तीन पुरुषों और एक महिला के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी. रविवार रात को हुई इस घटना की जानकारी मिलने पर गुजरात के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री प्रदीप परमार ने जांच के आदेश दिए और वडोदरा जिला पुलिस अधीक्षक और जिलाधीश को घटनास्थल का दौरा करने को कहा.
यह कथित घटना वडोदरा जिले में सावली पुलिस थाने के तहत आने वाले पिलोल गांव की है जब अनुसूचित जाति की एक महिला और उसकी एक रिश्तेदार को एक पंडाल में गरबा नृत्य करने से रोक दिया गया.
पुलिस उपाधीक्षक एस. के. वाला ने कहा, ‘सोमवार को दर्ज प्राथमिकी के अनुसार, ऊंची जाति की एक महिला ने दो दलित महिलाओं को गरबा करने से रोक दिया और उन्हें पंडाल से जाने को कहा. आरोपी महिला ने जातिवादी टिप्पणियां कर उनका अपमान भी किया. जब महिला का पति घटनास्थल पर पहुंचा तो आरोपी महिला के साथ छत्रसिंह परमार और दो अन्य लोगों ने भी उन पर जातिवादी टिप्पणी की.’
एसके वाला ने कहा कि ‘सोमवार को सावली पुलिस थाने में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत तीन पुरुषों और एक महिला के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है. कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस कर्मियों को पिलोल गांव में तैनात किया गया है.’ उन्होंने कहा कि पुलिस ने अभी आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-मोदी, शाह व हार्दिक की लोकप्रियता में सवाल गुजरात के नेतृत्व का है!
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