एमपी के जबलपुर में खड़े नमक को पीसकर बना दिया ब्रांडेड, दो दुकानों 135 पैकेट नमक किए जब्त

एमपी के जबलपुर में खड़े नमक को पीसकर बना दिया ब्रांडेड, दो दुकानों 135 पैकेट नमक किए जब्त

प्रेषित समय :12:02:32 PM / Mon, Oct 25th, 2021

जबलपुर. एमपी के जबलपुर में ब्रांडेड नमक कंपनी की शिकायत पर पाटन पुलिस ने दो दुकानों से 135 पैकेट नमक जब्त किए हैं. आरोपियों से पूछताछ में पुलिस ये पता लगाने में जुटी है कि नमक उन्हें कौन सप्लाई कर रहा था? पाटन टीआई आसिफ इकबाल ने बताया कि सावरिया नगर एयरपोर्ट रोड इंदौर निवासी मयंक शर्मा ने कटंगी स्थित दो दुकानों से टाटा कम्पनी के नाम से नमक की पैकिंग कर बेचे जाने की सूचना दी थी.

पाटन पुलिस ने मामले में इन्फोर्सिस ऑफ इंटेलैक्चुअल प्रॉपर्टी राईट्स इंडिया प्राईवेट लिमिटेड कंपनी के जांच अधिकारी मयंक शर्मा और सहयोगी हिमांशु दीक्षित के साथ विकास ट्रेडर्स किराना दुकान में दबिश दी. यहां टाटा नमक के पैकेट जैसे दिखने वाले 45 पैकेट नमक मिले.

टीम ने बगल के वर्धमान किराना स्टोर में दबिश दी, तो यहां से दो बोरी में 90 पैकेट नमक मिले. सभी में नकली बार कोड बना था, जो स्कैन करने पर स्कैन नहीं हुआ. पैकेट के पीछे तरफ बीच में बैच कोड नहीं डला है. जबकि असली टाटा नमक के पैकेट पर बैचकोड डला होता है.

दोनों दुकानों से उक्त नकली नमक जब्त करते हुए विकास ट्रेडर्स किराना दुकान के संचालक विवेक अग्रवाल और वर्धमान किराना स्टोर दुकान के संचालक प्रशांत कुमार जैन के खिलाफ कॉपी राईट एक्ट का प्रकरण दर्ज कर जांच में लिया गया है. पुलिस ये पता लगाने में जुटी है कि इस तरह की पैकिंग कहां की जा रही थी.

पुलिस के मुताबिक जांच में पता चला कि साधारण खड़ा नमक को पीस कर ब्रांडेड कंपनी के नाम से पैक किया था. एक किलो नमक तैयार करने में मुश्किल से 5 रुपए का खर्च आया होगा. दुकानदार इसे 20 रुपए में बेच रहे थे. पुलिस अब दोनों दुकानदारों के माध्यम से जबलपुर से सप्लाई करने वाले आरोपी तक पहुंचने की जुगत में है.

नकली टाटा नमक में आयोडीन नहीं होता है, लिहाजा यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है. उन्होंने बताया कि असली टाटा नमक की थैली को जब भी पलटा जाता है, नमक रेत की तरह फिसलने लगता है, लेकिन नकली नमक में ऐसा नहीं होता है. टाटा कंपनी के नमक की बोरी थोक विक्रेता को 860 रुपये में मिलती है, जिसे वह 930 रुपये में बेचता है. मगर नकली टाटा नमक अधिकतम 500 रुपए बोरी मिल जाता है और उसे असली बताकर बेचने में उन्हें 400 रुपए से अधिक प्रति बोरी मुनाफा होता है.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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