नई दिल्ली.1 नवंबर से कई नियम बदल जाएंगे. ये सभी नियम हमारी रोजमर्रा की जिंदगी पर असर डालते हैं, उनमें बदलाव हमारे खर्च पर बड़ा असर डाल सकते हैं. एलजीपी सिलेंडर के दाम में परिवर्तन हो या बैंक से जुड़े नियम, इनका सीधा वास्ता हमारी जिंदगी से होता है. इसलिए, 1 तारीख आने से पहले इन नियमों को जान लें ताकि बदलाव को समय रहते और बुद्धिमानी से हैंडल किया जा सके. इन चार बदलावों में एलपीजी डिलिवरी सिस्टम, जमा और निकासी पर बैंक के नियम, एलपीजी के दाम और रेलवे टाइम टेबल में बदलाव शामिल हैं.
1-एलपीजी डिलिवरी सिस्टम
जो लोग गैस एजेंसी के वेंडर से एलपीजी सिलेंडर एलपीजी सिलेंडर घर पर डिलिवरी कराते हैं, उन्हें अगले महीने से नए नियमों के मुताबिक ही इस सर्विस का लाभ मिल सकेगा. नया नियम यह होगा कि अब ग्राहक के रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी आएगा. वह ओटीपी गैस वेंडर को बताना होगा. इसी ओटीपी के आधार पर घर पर एलपीजी सिलेंडर की डिलिवरी होगी.
इस नए बदलाव को डिलिवरी ऑथेंटिकेशन कोड का नाम दिया गया है. यह पहल इसलिए की गई है ताकि सिलेंडर की डिलिवरी सही ग्राहकों तक हो और सिलेंडर की कालाबाजारी रोकी जा सके. पहले किसी का सिलेंडर बड़े दामों पर किसी और को बेच दिया जाता था, लेकिन ओटीपी शुरू होने से ऐसा नहीं होगा.
2-रेलवे टाइम टेबल
भारतीय रेलवे पूरे देश में ट्रेनों के समय में बदलाल करने जा रही है. ट्रेनों का नया टाइम टेबल 1 नवंबर से लागू होने जा रहा है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, नए बदलाव में पैसेंजर ट्रेनों के साथ मालगाड़ियों को भी शामिल किया गया है जिनके टाइम टेबल में बदलाव हो सकता है. इसी तरह देश में दौड़ने वाली लगभग 30 राजधानी ट्रेनों के समय में भी फेरबदल संभव है. कोरोना लॉकडाउन खत्म होने के बाद रेलवे अपनी ट्रेनों की संख्या बढ़ा रहा है लेकिन संचालन अभी रेगुलर नहीं है.
3- एलपीजी के दाम
अंतरराष्ट्रीय बाजार में जिस तेजी से कच्चे तेल और गैस के दाम बढ़ रहे हैं, उसे देखते हुए पूरी संभावना है कि 1 नवंबर को एलवीजी सिलेंडर की कीमतें भी बढ़ जाएं. तेल बेचने वाली कंपनियां हर महीने की पहली तारीख को एलपीजी के दाम को रिवाइज करती हैं. इसलिए ग्राहक मान कर चलें कि 1 नवंबर को रसोई गैस की कीमतों में इजाफा हो सकता है.
4-कैश डिपॉजिट और विड्रॉल के नियम
1 नवंबर से बैंक में कैश जमा और कैश निकासी का नियम बदलने वाला है. यह नियम बैंक ऑफ बड़ौदा के लिए है. बैंक ऑफ बड़ौदा एक खास लिमिट के बाद नकदी निकासी या नकदी जमा पर लगने वाले शुल्क को बदलने जा रहा है. यह नया नियम सेविंग और सैलरीड अकाउंट दोनों पर लागू होंगे. इस तरह का फैसला बैंक ऑफ इंडिया, पीएनबी, एक्सिस बैंक और सेंट्रल बैंक भी बहुत जल्द लेने वाले हैं.
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