भरतपुर. राजस्थान के भरतपुर में एक जज द्वारा 14 साल के बच्चे से कुकर्म करने की शर्मनाक घटना सामने आई है. आरोपी जज जितेन्द्र सिंह गुलिया भ्रष्टाचार निवारण मामले के विशेष न्यायाधीश हैं. आरोप है कि उनके दो अन्य कर्मचारियों ने भी नाबालिग बच्चे का यौन शोषण किया. मामला खुलने पर एसीबी के उपाधीक्षक परमेश्वर लाल यादव पर पीड़ित परिवार को धमकाने का आरोप लगा है.
घटना की गंभीरता को देखते हुये हाईकोर्ट प्रशासन ने आरोपी जज को और राज्य सरकार ने एसीबी के उपाधीक्षक को निलंबित कर दिया है. इस घटना के बाद दो वीडियो भी वायरल हुये हैं उनमें आरोपी जज पीड़ित और उसके परिवार से माफी मांगता हुआ नजर आ रहा है.
इस संबंध में पीड़ित परिवार की ओर से जज के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया है. भरतपुर के मथुरा गेट थाना पुलिस ने पीड़ित परिवार की शिकायत पर सामूहिक दुष्कर्म और पोक्सो एक्ट में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. बाद में आरोपी जज ने भी पीड़ित परिवार के खिलाफ ब्लैकमेल करने का क्रॉस केस दर्ज कराया है. यह घटना सामने आने के बाद हड़कंप मच गया है.
बाल कल्याण समिति ने अपनी रिपोर्ट बाल आयोग को भेजी है. बाल आयोग अध्यक्ष ने पूरे मामले में अधिकारियों को निष्पक्ष रूप से जांच करने के निर्देश दिए हैं. बाल कल्याण समिति और पुलिस पीड़ित बच्चे का मेडिकल बोर्ड से मेडिकल कराया गया है. वहीं पूरे मामले में अब बाल आयोग अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने भी विभाग से तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी है.
पुलिस के अनुसार एसीबी के विशेष न्यायाधीश जितेंद्र सिंह गुलिया पर आरोप है कि वह करीब 1 महीने से लगातार बच्चे को बहला-फुसलाकर घर ले जाकर कुकर्म की वारदात को अंजाम दे रहे थे. न्यायधीश और बच्चे की मुलाकात टेनिस ग्राउंड में हुई थी. न्यायाधीश जितेंद्र सिंह गुलिया और पीड़ित टेनिस खेलने के लिए जाते थे. गुलिया वहीं से बच्चे को बहला-फुसलाकर घर ले जाते और कुकर्म की वारदात को अंजाम देते. गुलिया के साथ उनके दो कर्मचारी भी इस घिनौने काम में शामिल थे.
थाना अधिकारी रामनाथ सिंह ने बताया कि इस संबंध में जज गुलिया ने भी मामला दर्ज कराया है कि उनको बच्चे के बहाने से घर पर बुलाकर उनसे 3 लाख रुपये मांगे गए. पैसे ना देने पर उन्हें झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी दी गई. इसके बाद उन्होंने अपने अन्य दो साथियों को बुलाया और आरोप लगाने वाली महिला के घर बातचीत की. महिला के साथ अन्य दो लोगों ने वीडियो बनाकर वायरल कर दिये. थानाधिकारी रामनाथ सिंह और सीओ सिटी सतीश वर्मा पूरे मामले की जांच कर रहे हैं.
पीड़ित बच्चे की मां ने पुलिस में दी गई तहरीर में बताया कि उन्होंने बच्चे को खेलने के लिए ग्राउंड में नहीं भेजा तो एसीबी के न्यायाधीश ने बच्चे को लेने के लिए कुछ कर्मचारी और पुलिसकर्मियों को घर भेजा और बच्चे को साथ लेकर न्यायाधीश के पास जाने के लिए धमकाया. पीड़ित बच्चे की मां ने बताया कि उन्हें इस तरीके से डराया धमकाया गया कि वह पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए भी नहीं आ पहुंचे. बाद में उन्होंने अपने रिश्तेदारों की मदद ली और रविवार देर शाम को मामला दर्ज कराया.
उसके बाद रविवार देर रात पूरे मामले में एसीबी के न्यायाधीश जितेंद्र सिंह गुलिया का साथ देने वाले एसीबी के सीओ परमेश्वर लाल यादव को भी निलंबित कर दिया गया. एसीबी के सीओ परमेश्वर लाल यादव पर पीड़ित परिवार को धमकाने का आरोप है. निलंबन अवधि में सीओ परमेश्वर लाल यादव आईजी कार्यालय भरतपुर में अपनी उपस्थिति दर्ज कराएंगे.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-
राजस्थान: दीपावाली बाद होगी 29 हजार पदों पर भर्ती
बेहद ही खास हैं राजस्थान के ये शहर, एक बार यहां जरूर आएं घूमने
Leave a Reply