टोक्यो. जापान के प्रधानमंत्री फूमियो किशिदा की पार्टी के गठबंधन ने रविवार को संसदीय चुनाव में बहुमत बरकरार रखा. लोक प्रसारक एनएचके के मुताबिक किशिदा की लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी और गठबंधन की सहयोगी कोमितो ने 465 सदस्यीय निचले सदन में 274 सीटें जीत ली हैं. हालांकि, 40 सीटों पर अभी फैसला नहीं हो पाया है. अपनी जीत के बाद किशिदा ने कहा कि वह अपनी आश्चर्यजनक रूप से मजबूत चुनावी जीत का पूरा इस्तेमाल राष्ट्र के निर्माण में करेंगे. इसमें कोरोना महामारी से सुस्त पड़ी अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए अतिरिक्त बजट पारित करना भी शामिल है.
एनएचके के अनुसार, एलडीपी ने भी 247 सीटों पर अकेले बहुमत हासिल किया है, जबकि कोमितो को 27 सीटें मिली हैं. गठबंधन के दलों की संयुक्त सीटें 233 के बहुमत से अधिक हो गई हैं, लेकिन पूर्व की 305 सीटों से कम पर जीत के कारण सत्ता पर किशिदा की दीर्घकालिक पकड़ प्रभावित हो सकती है. गठबंधन ने 261 की संख्या को भी पार कर लिया है, जो कि संसदीय कमेटी पर नियंत्रण और कानून पारित करने के लिए जरूरी हैं.
अपनी सत्तारूढ़ पार्टी में नेतृत्व की दौड़ जीतने के बाद चार अक्टूबर को प्रधानमंत्री चुने गए किशिदा (64) ने पद संभालने के 10 दिन बाद ही निचले सदन को भंग कर दिया था. एग्जिट पोल कमोबेश मीडिया के अनुमानों के अनुरूप रहे. प्रचार अभियान काफी हद तक कोविड-19 से निपटने के उपायों और अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने से जुड़े कदमों पर केंद्रित रहा.
पूर्व बैंकर और मृदुभाषी किशिदा ने पार्टी की दक्षिणपंथी की पारंपरिक नीतियों पर ध्यान दिया है. उन्होंने पहले से अधिक मुखर चीन का मुकाबला करने के लिए सैन्य खर्च बढ़ाने पर जोर दिया है. किशिदा जापान की राष्ट्रीय सुरक्षा के आर्थिक आयामों से निपटने के उद्देश्य से एक नया कैबिनेट पद बनाएंगे, जिसमें 46 वर्षीय ताकायुकी कोबायाशी को नियुक्त किया जाएगा, जो संसद में अपेक्षाकृत नए हैं. किशिदा जापान और अमेरिका के बीच करीबी सहयोग और एशिया एवं यूरोप में समान विचारों वाले अन्य देशों के साथ साझेदारी का समर्थन करते हैं. इसका एक उद्देश्य चीन और परमाणु हथियार संपन्न उत्तर कोरिया का मुकाबला करना भी है. नवंबर के मध्य में होने वाले आम चुनाव से पहले संसद के निचले सदन को भंग करने से पहले किशिदा संभवत: इस सप्ताह के अंत में अपनी नीतियों संबंधी भाषण देंगे.
नए नेता पर पार्टी की छवि को सुधारने का दबाव होगा, जो सुगा के नेतृत्व में कथित तौर पर धूमिल हुई है. कोरोना वायरस महामारी से निपटने के तौर तरीकों और तोक्यो में ओलंपिक कराने पर अड़े रहने को लेकर सुगा के प्रति जनता में आक्रोश पैदा हो गया. परंपरावादी लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी को आने वाले दो महीनों में संसद के निचले सदन के चुनाव से पहले शीघ्र ही जन समर्थन अपने पक्ष में करने की जरूरत है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-
उत्तर कोरिया ने पनडुब्बी से बैलिस्टिक मिसाइल दागी, सी ऑफ़ जापान में गिरी
जापान क्लासिक गोल्फ टूर्नामेंट रद्द, LPGA का एशिया में होगा केवल एक टूर्नामेंट
जापान में कोरोना इमरजेंसी खत्म, ऑफिस लौटे स्टाफ, सड़कों पर रौनक
जापान में कोरोना इमरजेंसी खत्म, ऑफिस लौटे स्टाफ, सड़कों पर रौनक
Leave a Reply