चंडीगढ़. पंजाब के कृषि मंत्री रणदीप नाभा ने शनिवार को राज्य के उन डीलरों और प्राथमिक कृषि समितियों के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी दी, जो डायमोनियम फॉस्फेट के साथ अनावश्यक उत्पादों की जमाखोरी या कालाबाजारी करते हैं. इस संबंध में राज्य के कृषि मंत्री का कहना है कि इससे किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. पंजाब के कृषि मंत्री रणदीप नाभा ने कहा कि एफसीओ-1985 के अनुसार खुदरा विक्रेताओं और पीएसीएस का लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा, अगर वे इस तरह के कार्यों में लिप्त मिलते हैं.
नाभा ने पंजाब में डीएपी की उपलब्धता के बारे में भी विस्तार से बताया. उन्होंने कहा कि राज्य को 2021-22 के रबी सीजन के दौरान डीएपी का 5.50 लाख मीट्रिक टन (एलएमटी) आवंटित किया गया है. अक्टूबर माह के लिए 1.97 एलएमटी डीएपी आवंटित किया गया था, जिसमें से 1.51 एलएमटी प्राप्त हुआ था. नवंबर 2021 महीने के लिए कुल 2.56 एलएमटी डीएपी आवंटित किया गया है, जिसमें से अब तक कुल 1.60 एलएमटी प्राप्त हुआ है.
उन्होंने कहा कि 6 नवंबर तक पंजाब के विभिन्न जिलों में कुल 0.67 एलएमटी डीएपी उपलब्ध था, जिसमें उर्वरक के 50 और रेक कुल 1.0 एलएमटी से अधिक 15 नवंबर तक मिलने की उम्मीद है. डीएपी के सात रेक (18,304 एमटी) नवंबर 2021 के दौरान लुधियाना, जालंधर, तरनतारन, अबोहर, मुक्तसर और रामपुराफुल में प्राप्त हुए हैं. नाभा ने कहा कि डीएपी (34,558 मीट्रिक टन) के 12 रेक ट्रांसिट में हैं और अमृतसर, रोपड़, तरनतारन, जालंधर, मुक्तसर, सुनाम, बटाला, लुधियाना, राजपुरा तक पहुंचाए जाएंगे.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-पंजाब के महाधिवक्ता का सिद्धू पर बड़ा आरोप, कहा- सरकार के कामकाज में डाल रहे हैं बाधा
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