नजरिया. बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत, हिन्दुस्तान की आजादी पर दिए बयान के बाद विवादों में है, बावजूद इसके मोदी टीम की खामोशी आश्चर्यजनक है, क्या मोदी टीम की खामोशी को कंगना का मौन समर्थन माना जाए?
याद रहे, कंगना ने एक टीवी चैनल के कार्यक्रम में कहा था कि आजादी अगर भीख में मिले, तो क्या वह आजादी हो सकती है?
कंगना ने कहा कि असली आजादी तो 2014 में मिली है!
इस बयान के बाद कंगना का विपक्षी दलों ने तो जमकर विरोध किया, लेकिन मोदी टीम इस मुद्दे पर मौन है, अलबत्ता, बीजेपी सांसद वरुण गांधी और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तान आवाम मोर्चा के अध्यक्ष जीतनराम मांझी ने जरूर अपना विरोध दर्ज कराया है.
खबर है कि जीतनराम मांझी ने राष्ट्रपति भवन को टैग करते हुए ट्वीट किया कि- बिना देरी किए कंगना रनौत से पद्मश्री सम्मान वापस लेना चाहिए, नहीं तो दुनिया ये समझेगी कि गांधी, नेहरू, भगत सिंह, सरदार पटेल, कलाम, मुखर्जी, वीर सावरकर ने भीख मांगी तो आजादी मिली.
उनका यह भी कहना है कि- कंगना इस बयान के लिए माफी मांगे, इतना ही नहीं, जीतनराम मांझी ने न्यूज चैनलों से भी कंगना को बैन करने की अपील की है.
इस तरह बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने ट्वीट किया कि- कभी महात्मा गांधी जी के त्याग और तपस्या का अपमान, कभी उनके हत्यारे का सम्मान और अब शहीद मंगल पाण्डेय से लेकर रानी लक्ष्मीबाई, भगत सिंह, चंद्रशेखर आज़ाद, नेताजी सुभाष चंद्र बोस और लाखों स्वतंत्रता सेनानियों की कुर्बानियों का तिरस्कार. इस सोच को मैं पागलपन कहूं या फिर देशद्रोह?
सियासी सयानों का कहना है कि यह पहला मौका नहीं है जब कंगना ने ऐसा बयान दिया हो, लिहाजा उन्हें रोका नहीं गया तो भविष्य में भी ऐसे बयान आते रहेंगे, क्योंकि कम-से-कम मोदी सरकार में तो कोई सख्त कार्रवाई होने से रही?
Ramniwas Rawat @rawat_ramniwas पद्मश्री सम्मानित कंगना के अनुसार 2014 के बाद आजादी मिली है, एक भाजपा की युवा नेत्री के अनुसार आज़ादी 99 साल की लीज पर है!
कितना गुमराह है इस देश की युवा पीढ़ी, यह चिंता का विषय है.
दुर्भाग्यपूर्ण है ऐसे लोगो को पद्मश्री अवार्ड दिया गया, पद्मश्री की गरिमा भी आहत होती है!
पद्मश्री दे देंगे, सुरक्षा बढ़ा देंगे, लेकिन कंगना को मन से माफ नहीं करेंगे मोदीजी?
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को बड़ा झटका, ED को फिर मिली कस्टडी
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