उत्तर प्रदेश में जीका वायरस के मामले बढ़ रहे हैं. ऐसे में इस वायरस के अन्य इलाकों में फैलने की आशंका भी बनी हुई है. डॉक्टरों का कहना है कि डेंगू और मलेरिया की तरह जीका वायरस भी मच्छरों के जरिए ही फैलता है. डेंगू की तरह यह वायरस भी काफी खतरनाक होता है. इसलिए इससे बचाव करना चाहिए.
नई दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के डॉक्टर बताते हैं कि जीका एक खतरनाक वायरस है. इसमें डेथ रेट काफी अधिक रहता है. इस वायरस की चपेट में अकसर वह लोग आते हैं जो साफ सफाई का ध्यान नहीं रखते या जिनके इलाकों में मच्छर अधिक संख्या में पनपते हैं. डॉ. अमरींद्र के मुताबिक, जीका वायरस का संक्रमण इतना खतरनाक होता है कि अस्पताल में भर्ती होने तक की नौबत आ जाती है. इसके शुरुआती लक्षणों में बुखार, शरीर पर दाने निकलना, जोड़ों में दर्द और उल्टी, दस्त शामिल है. लोगों को सलाह है कि वह पूरी बाजू़ के कपड़े पहने और अपनी बिस्तर पर मच्छरदानी लगाकर रखें. अगर आसपास कहीं पानी जमा हो रहा हो तो उसे साफ कर दें. डेंगू से बचने के लिए जो तरीके अपनाएं जा रहे हैं जीका से बचाव के लिए भी वही जरूरी हैं.
गर्भवती महिलाओं को अधिक खतरा
गर्भवती महिलाओं को इस वायरस से काफी सतर्क रहने की जरूरत है. क्योंकि अगर कोई गर्भवती महिला इस वायरस से संक्रमित हो जाती है, तो उसका बच्चा मानसिक रूप से कमजोर हो सकता है. कई मामलों में बच्चे को माइक्रोसेफेली नाम की एक समस्या हो जाती है. इसमें नवजात शिशु का मास्तिष्क और सिर सामान्य से आकार में छोटा हो जाता है. गर्भवती महिलाओं को अगर इस वायरस का कोई लक्षण दिख रहा है है तो उन्हें ब्लड या यूरीन टेस्ट के लिए डॉक्टर को दिखाना चाहिए. कई रेपिड डिटेक्शन टेस्ट भी उपलब्ध हैं. ये टेस्ट संक्रमण की पुष्टि कर सकते हैं.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-बदलते मौसम में इन घरेलू नुस्खों से दूर करें त्वचा का सूखापन
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