इस्लामाबाद. पाकिस्तान का कहना है कि वह इस समय भारत, अमेरिका या फिर किसी और देश से खतरे का सामना नहीं कर रहा है. सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने कहा कि पाकिस्तान को देश के भीतर ही धार्मिक उग्रवाद से खतरा है. उन्होंने ये बात इस्लामाबाद में आतंकवाद के मसले पर हुई कॉन्फ्रेंस के दौरान कही. चौधरी ने कहा कि उग्रवादी ताकतें देश को तोड़ने की कोशिश कर रही हैं. उन्होंने कहा, ‘हमें भारत से कोई संभावित खतरा नहीं है. हमारे पास दुनिया की छठी सबसे बड़ी सेना है, हम एक परमाणु शक्ति हैं और भारत हमारा मुकाबला नहीं कर सकता.’
फवाद चौधरी ने आगे कहा, ‘हमें अमेरिका से कोई खतरा नहीं है, यूरोप से कोई खतरा नहीं है, हमें अगर सबसे बड़ा खतरा है, तो वो खुद (उग्रवाद के कारण) से है.’ उन्होंने कहा कि करीब 300 साल पहले पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा, पंजाब और अन्य क्षेत्रों में कोई धार्मिक उग्रवाद नहीं था, वह सूफियों की सरजमीं थी. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के इन इलाकों में धार्मिक कट्टरता नहीं थी, जो आज के समय में देखने को मिल रही है. मंत्री ने खेद जताते हुए कहा कि आधुनिक पाकिस्तान को उग्रवाद से एक गंभीर खतरे का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने यह स्वीकार किया कि इस खतरे का मुकाबला करने के लिए अब तक किए गए उपाय काफी नहीं हैं.
टीएलपी को लेकर क्या कहा?
फवाद चौधरी ने कहा कि ना तो सरकार और ना ही राज्य समस्या से निपटने के लिए पर्याप्त रूप से तैयार थे और सरकार को तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) से निपटने के लिए पीछे हटना पड़ा . उन्होंने टीटीपी के हिरासत में लिए गए समर्थकों को रिहा करने और उसपर से प्रतिबंध हटाने के लिए गुप्त रूप से हुए समझौते पर बोलते हुए कहा, ‘हमने देखा कि कैसे सरकार को बैकफुट पर जाना पड़ा.’ चौधरी ने यह भी कहा कि पाकिस्तान में चरमपंथ सिर्फ मदरसों के कारण नहीं है, क्योंकि स्कूल और कॉलेजों के छात्र चरमपंथ की हालिया घटनाओं में शामिल थे.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-पाकिस्तान में बलात्कारियों को बधिया किए जाने का कानून पास
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